
ग्राम पंचायत हिनौता पर ग्रामजन लगा रहे भ्रष्टाचार के आरोप
घटिया पुलिया निर्माण का ग्रामीणों ने लगाया आरोप
मशीनों से कार्य कराए जाने से मजदूरों को नहीं मिल रहा काम
जनपथ टुडे, डिंडौरी, 7 दिसम्बर 2020, आदिवासी बाहुल्य जिले में सरपंच सचिव ठेकेदार, जनपद पंचायत के जिम्मेदार कारिंदों से साँठगाँठ कर ग्राम विकास के लिए आने वाली शासकीय राशि का अपने निजी स्वार्थ साधने के लिए खुला भ्रष्टाचार करने पर आमादा है। जिसका ताजातरीन मामला है जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हिनोता जहाँ सरपंच पति एवं तथाकथित ठेकेदार तमाम जिम्मेदारों के साथ मिलकर शासकीय राशि को भ्रष्टाचार की बलिबेदी में आहूत करने पर आमादा है जिसका ग्रामजन विरोध करते रहे है।
बताया जाता है कि सरपंच पति की दबंगई का आलम कुछ यूं है मानो पूरी जनपद पंचायत इन्हीं के इशारों पर चलती हो ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत अंतर्गत जितने भी विकास कार्य कराये जाते है उनमें ठेकेदारी प्रथा हावी है ग्रामीणों की माने तो कुछ माह पूर्व झीनी टोला में लगभग 10 लाख रुपए की लागत से तथाकथित ठेकेदार के द्वारा पुलिया के निर्माण कार्य कराया गया है। जिसमें तमाम नियमों को दरकिनार कर उक्त पुलिया निर्माण में नाले के ही पत्थरों का उपयोग कर पुलिया में ढलाई कर दी गई है जिससे पुलिया निर्माण के बाद से ही उक्त पुलिया की गुणवत्ता और भविष्य पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
वहीं जनपद पंचायत के कारिन्दों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होना लाजमी है क्योंकि निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जिम्मेदारी संबंधित उपयंत्री की होती है बावजूद इसके ठेकेदार ने मनमानी करते हुए उक्त घटिया निर्माण कार्य को किया है। ग्रामीणों द्वारा निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के उपयोग के आरोप लगाए है और उक्त पुलिया निर्माण की जांच करवाते हुए इसका पुनः मूल्यांकन करवाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत में किए जाने वाले निर्माण कार्यों में नियमानुसार निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत होती है किन्तु पंचायत के निर्माण कार्य कथित रूप से ठेकेदार द्वारा कराए जा रहे है जिससे मजदूरों का हक मारा जा रहा है और ठेकेदार द्वारा शासन की मंशा के विरूद्ध मजदूरों की बजाय मशीनों और वाहनों से कार्य अधिक करवाया जा रहा है। गौरतलब है कि विगत दिनों इसी ग्राम पंचायत में मनरेगा अन्तर्गत निर्माणाधीन स्टाप डेम में नाला सफाई और चौड़ीकरण हेतु जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा था जिस पर ग्रामीणों की आपत्ति पर पंचायत सचिव का कहना था कि उक्त कार्य मनरेगा की राशि से नहीं बल्कि पंचायत निधि से करवाया जा रहा है जिसमें मशीनों का उपयोग करने की छूट है।
ग्राम पंचायत में कथित ठेकेदार की मनमानी और गुणवत्ता हीन निर्माण कार्यों से ग्रामवासियों में आक्रोश है और उनके द्वारा सभी निर्माण कार्यों की जाच की मांग की है।
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