
आप का पैतरा : रईस बली के महापौर प्रत्याशी बनने से जबलपुर में मुकाबला हुआ रोचक
जनपथ टुडे, जबलपुर, 17 जून 2022, जबलपुर नगर निगम चुनावों में आप के पत्ते खुलने के बाद खलबली मच गई है। अब तक भाजपा के पूर्व मंत्री, पुलिस अधिकारियों के नाम को लेकर चर्चा थी वहीं कांग्रेस के नेता रईस बली का नाम आम आदमी पार्टी ने घोषित कर सबको चौंका दिया है। भाजपा और कांग्रेस पार्टी के घोषित उम्मीदवारों के लिए अब चुनाव बहुत आसान नहीं रहा। लंबे समय से महकौशल क्षेत्र में संघर्ष कर रही आम आदमी पार्टी पहले भी कई चुनावों में अपने उमीदवार मैदान में उतार चुकी है किन्तु सफल नहीं रही है। नगर निगम चुनाव में भी किसी बड़े नाम की उम्मीद लोगों को नहीं थी किन्तु पंजाब चुनाव के बाद जनता के साथ सभी दल के नेता, जिनकी उपेक्षा होती रही है वे भी आप को विकल्प के रूप में देखने लगे है और उन्हें आप का राजनैतिक भविष्य दिखाई देने लगा है। यही वजह है कि इस बार जबलपुर महापौर पद के लिए कई बड़े नाम आप पार्टी से चर्चा में थे और अब पर्दे के पीछे से वे राजनैतिक लोग भी कहीं न कहीं आप का साथ देगे,जो अपनी उपेक्षा से भीतर भीतर परेशान है, इससे नकारा नहीं जा सकता है। वहीं रईस बली अपने आप में एक बड़ा नाम है और वह किसी भी तरह का मुकाबला करने में सक्षम है। रईस वाली का नाम घोषित होने के बाद आप पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह चार गुना हो गया है। रईस बली के साथी, समर्थको और संसाधनों के मजबूत होने से अब जबलपुर महापौर के साथ साथ आप के पार्षदों की स्थिति भी मजबूत होगी। साफ तौर पर देखा जाए तो जबलपुर नगर निगम चुनाव में आप पार्टी दावा ठोकने की स्थिति में है और एक नामी किरदार और उसके समर्थकों के साथ इस चुनावी समर में शहर की जनता को भी आप विकल्प के तौर पर दिखाई देने लगा है। प्रत्याशी की घोषणा के साथ ही आप संगठन ने अपने बयान में कह दिया की हमारा मुकाबला कांग्रेस से नहीं है भाजपा से है और यह बात बहुत हद तक सही भी है। प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही कांग्रेस पिछड़ने लगी है वहीं आप की उम्मीद कई गुना बढ़ गई है।
रईस बली कांग्रेस के बड़े नेताओं ने शुमार रहे है जहां उनका अपना रसूख हमेशा कायम रहा है। भले ही कुछ कारणों से पार्टी ने उन्हें सक्रिय राजनीति में आने का अवसर नहीं दिया पर पार्टी के लिए वे हमेशा उपयोगी भूमिका में रहे है। वहीं सामाजिक तौर पर उनका जुड़ाव हर तबके के लोगों से है। व्यवहार कुशल और गरीबों के सहयोगी के रूप में पहचान रखने वाले रईस बली का मुस्लिम मतदाताओं पर खासा प्रभाव है वहीं कांग्रेस में भी एक बड़ा वर्ग उनके साथ है और भाजपा – कांग्रेस में उपेक्षित नेता पर्दे के पीछे से बली का साथ देकर जबलपुर नगर निगम चुनाव का रुख बदल सकते है। आम आदमी पार्टी जबलपुर चुनाव में दिल्ली और पंजाब के नेताओं का भी सहयोग लेगी और शहर ने पंजाबी और सिख मतदाताओं का बड़ा वर्ग है जो चुनाव परिणाम बदल सकता है।
रईस वली की आप में आमद के बाद कांग्रेस की स्थिति जबलपुर निगम चुनाव में काफी कमजोर हो सकती है वहीं भाजपा के घोषित किए गए प्रत्याशी को लेकर भी पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता खुश तो नहीं है। पार्टी डेमेज कंट्रोल कर सकती है वहीं नाराज कार्यकर्ता भी भीतर ही भीतर पार्टी आलाकमान को अपने मन का संदेश दे सकता है। इन तमाम राजनैतिक परिवेश में रईस वली और आम आदमी पार्टी जबलपुर नगर निगम चुनाव में कड़ी टक्कर देने की स्थिति से अपनी शुरुआत कर रही है। जिसके बाद महापौर और पार्षदों का चुनाव साधारण नहीं रहा साफ तौर पर अब मुकाबला त्रिकोणी हो चला है और मतदाताओं के लिए पर्याप्त विकल्प है बस फैसला जनता के हाथ में है।