
पिता ने बड़े बेटे के नाम रजिस्ट्री कराई जमीन , छोटे भाई ने फर्जी दस्तावेजो से हड़पी जमीन
कलेक्टर, एस डी एम से पीड़ित ने की शिकायत
जनपथ टुडे, डिंडौरी, 3 जुलाई 2023, -मेहद्ववानी जनपद मुख्यालय में एक भाई ने फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर अपने बड़े भाई की जमीन अपने नाम दर्ज करा ली और अब उन्हें ही घर से निकल जाने की धमकी दे रहा है। पीड़ित की शिकायत पर जिला कलेक्टर ने जाँच के लिये राजस्व निरीक्षक और पटवारी को भेजा है।
शादी के बाद पिता ने दी थी छ डिसमिल जमीन
आवेदक मोहम्मद इंसार खान पिता स्व सुलेमान खान निवासी मेहद्ववानी ने बताया कि मेरे दो भाई है गफ्फार खान और सत्तार खान 1984 में मेरी शादी के बाद मेरे अब्बू ने मुझे खसरा नम्बर 77 में से 06 डिसमिल जमीन घर बनाने के लिये रजिस्ट्री करवा दी थी और खसरा नम्बर 78 में वो खुद दो भाइयों के साथ रहते थे।2004 में मेरे अब्बू का इंतकाल हो गया। इसके बाद वर्ष 2013 में मुझे जानकारी लगी कि डायवर्सन का पैसा पटाने के लिये गफ्फार खान के नाम पर कोई नोटिस आदि आया, तो मैंने राजस्व विभाग से जानकारी ली तो पता चला छ डिसमिल जमीन गफ्फार खान के नाम पर रजिस्ट्री हो गयी है। जबकि हमने कोई सहमति पत्र पर दस्तखत नही किये है। मैंने अपने भाई से पूछा तो उसने कहा कि गलती से नाम ट्रांसफर हो गया है। अब वह मुझे और मेरे बच्चों को घर से निकालने की धमकी दे रहा है। मेरे दो बेटे सिराज खान और मिराज खान मेरे साथ रहते है। इस तरह से तत्कालीन राजस्व अमले की मिली भगत से भाई ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर मेरी जमीन हड़प ली है।
राजस्व निरीक्षक बोले जाँच प्रतिवेदन अधिकारियों को भेजा
मौके पर जाँच करने पहुँचे राजस्व निरीक्षक सुखदेव भवेदी ने बताया कि खसरा नम्बर 77 की जमीन में दो भाइयों का विवाद है। कलेक्टर कार्यालय से जाँच करने के आदेश मिले है जाँच प्रतिवेदन अधिकारियों को भेज दिया है। नायब तहसीलदार सुखमन कुलेश का कहना है कि अभी मैं जांच प्रतिवेदन पढूंगा इसके बाद जो नियमत कार्यवाही होगी की जाएगी।
जिले में पटवारी और राजस्व अमले कि मिली भगत से इस तरह की धोखाधड़ी के कई प्रकरण चर्चा में है वहीं बहुत से पीड़ित व्यक्ति अपनी समस्या को लेकर न्यायालय के चक्कर काटने को मजबूर है। इस तरह गड़बड़िया राजस्व अमले की मिली भगत से अंजाम दी जाती है किन्तु ऐसे प्रकरणों में अब तक दोषियों और धोखाधड़ी करने वालो के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिले के कम पढ़े लिखे और ग्रामीण आदिवासी लोग इस तरह की समस्याओं के शिकार हो रहे है इस दिशा में प्रशासन को दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही भी करनी चाहिए।