भानपुर का भर्रा टोला पहुंच मार्ग बना दलदल, पंचायत की बनवाई सड़क का नहीं पता

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 22 जुलाई 2020, विकास की बड़ी बड़ी बातें कितनी भी हो रही हो पर जमीन पर, गांव में पहुंचने के लिए मार्ग तक नहीं है और लाखों रुपए की होली खेलने वाली पंचायतों को ग्रामीणों की सुध तक नहीं है। बजाग जनपद की भानपुर ग्राम पंचायत में भी हाल कुछ ऐसे ही है। पंचायत के भर्रा टोला के निवासी इन दिनों अपने घर से निकलने से घबरा रहे है वजह है मुख्यमार्ग से इस टोले तक पहुंचना बहुत कठिन है कीचड़ में जूते उतारकर निकलना पड़ता। है।

मुख्यामार्ग से 2.5 किमी की दूरी पर बसे इस गांव का आधे से अधिक रास्ता कीचड़ से भरा है और लोगो का पैदल गुजरना दूभर है, वाहन तो यहां से निकालना संभव ही नहीं है। गांव वाले बताते है की जननी एक्सप्रेस या फिर किसी बीमार व्यक्ति को गांव से ले जाने के लिए बजाग सारंगपुर हो कर ग्यारह किमी का लंबा चक्कर काटना पड़ता है। ग्राम में पदस्थ शिक्षक ने चर्चा के दौरान बताया कि बरसात में गांव तक पहुंचना बेहद कष्टप्रद है, गाड़ी तो निकल ही नहीं पाती जिसके चलते कीचड़ से निकल कर पैदल ही आना जाना पड़ता है। ग्रामीण बताते है कि वर्षों से इस ओर पंचायत ध्यान नहीं दे रही है।

 

पिछले ही सत्र में हुआ है मार्ग का कार्य

ग्राम पंचायत भानपुर के सचिव सुनहर तेकाम का कहना है कि विगत सत्र में मार्ग निर्माण का कुछ कार्य किया गया था, जो अधूरा है। उनका कहना है कि पंचायत के खाते में होल्ड लगा होने से वो कार्य नहीं करवा पाए है। पांच वर्षों से लोगो की कठिनाई पर कोई निर्णय नहीं किया गया और अब सचिव होल्ड लगे होने का बहाना कर रहे है। जबकि इसी मार्ग में विगत वर्ष निर्माण कार्य पर राशि खर्च की गई और नाम मात्र की मिट्टी, मुरम डाल कर पैसा डकारने की बात ग्रामीण कहते है। सचिव पिछले सत्र में कार्य करवाए जाने की बात स्वीकारते है पर फिर भी लोगो को मुख्य मार्ग तक पहुंचना कठिन है और यहां सवाल जनपद के अधिकारियों और पंचायत में पदस्थ उपयत्री पर भी उठते है, जिनके मूल्यांकन से निर्माण कार्यों का भुगतान होता है। कोरोना संक्रमण के बाद प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिए जाने पूरे जिले में ग्राम पंचायतों में रोजगार मूलक कार्य करवाए गए तब ये जरूर जांच का विषय है कि जनपद पंचायत ने इस गांव में मिट्टी मुरम के कच्चे कार्यों को क्यों नहीं शुरू करवाया।

सूत्र बताते है कि ग्राम पंचायत के खाते में होल्ड लगाए जाने की वजह पंचायत में की गई आर्थिक गड़बड़ियां है। यदि इस कारण से पंचायत के निर्माण कार्य बंद है खाते पर होल्ड लगा है तो भी जनपद की लापरवाही है। पंचायत के जिम्मेदार घोटाले करे और सजा भोगे ग्रामजन? गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार की सजा पंचायत के जिम्मेदारों को दी जाए उनको पद से हटाया जाए पंचायत के खाते में होल्ड लगा कर निर्माण और विकास कार्यों को रोक कर तो जनता को सजा दी जा रही है गड़बड़ी करने वालो को नहीं।

 

माफियाओं को किया गया भुगतान

एक ओर ग्रामीण बरसात में कीचड़ भरे मार्ग में गिर पड़ के निकलने मजबूर है दूसरी तरफ पंचायत के सचिव माफियाओं को फर्जी बिलों पर लाखों रुपए के चेक काट देते है। सचिव खुद कहते है कि वो कांग्रेस के नेता है और काम स्वीकृत करवा के लाते है उनकी फर्म है कि नहीं पर भुगतान किया गया है। इनकी इस करतूत का खुलासा भी हम जल्दी ही करेगे, पर सवाल ये है कि पंचायत इन राजनीतिक दलालों को पालने के लिए बैठी है या ग्रामों के विकास और लोगो की समस्याओं का निराकरण करने के लिए, जनपद पंचायत के अमले को भी सुध नहीं है और लोग परेशान है।

 

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