
सख्ती शहर मे और गांवो में पसरता ” कोरोना”
ग्रामीण अंचलों में जरूरी है निर्देशों का पालन
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 2 अगस्त 2020, फरवरी से ले कर अगस्त तक पिछले पांच महीनों में जिले में कोरोना संक्रमण के कारण लगातार लॉक डॉउन, कर्फ्यू, सीमा सील, धारा 144 जैसे प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए जाते रहे और शासन के निर्देशों का प्रशासन पालन करवा ता रहा है। जिला मुख्यालय डिंडोरी में सबसे अधिक सख्ती बनी हुई है, पुलिस और प्रशासन लॉक डॉउन कड़ाई से अंजाम देता आ रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिला मुख्यालय से सटे हुए गांवो में भी कोई देखने वाला नहीं है कि कोबिड के निर्देशों का कितना पालन हो रहा है।
लॉक डॉउन में छूट दिए जाने के बाद भी प्रशासन द्वारा साप्ताहिक हाट और बाजारों के लगने पर प्रतिबंध लगाया गया है फिर भी ग्रामीण अंचलों में दुकानदार पहुंच रहे है और बाजार भी लग रहे है। जिले में कई जगहों पर हाट बाजार लगने की खबरों के बाद भी संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार, थानेदार, कोटवार अथवा सरपंच से शायद किसी ने जबाव तलब भी नहीं किया।

जबकि हकीकत यह है कि जिला मुख्यालय ब्लॉक मुख्यालयों नगरीय क्षेत्रों से अधिक कोरोना संक्रमित व्यक्ति ग्रामीण अंचल और गांवों में पाए गए है। अब तकजिला मुख्यालय में केवल दो लोग कोरोना संक्रमित पाए गए है।

लॉक डॉउन का नहीं हो रहा पालन
जिला मुख्यालय में ही लॉक डॉउन के बाद भी निर्माण कार्य चल रहे है, सभी शासकीय निर्माण एजेंसियों के निर्माण कार्य जिले भर में जारी है, पंचायतों में निर्माण कार्य चल रहे है जिनमे मजदूर काफी संख्या में कार्य करते है और कोबिड – 19 के निर्देशों, दो गज की दूरी, मास्क का उपयोग, हाथ धोना और सैनेटाइजर का उपयोग आदि सभी कार्यों पर दिखावे के लिए भले ही हो पर गंभीरता से इनका उपयोग नहीं हो रहा है ये जाहिर सी बात है।

कुल मिलाकर जिला मुख्यालय, विकासखंड मुख्यालयों, बड़े कस्बों और नगरीय क्षेत्रों पर पूरी मुस्तैदी बरती जा रही है, ग्रामीण अंचलों के लिए सिर्फ आदेश जारी है उनका पालन करवाने की जवाबदेही तय है न किसी पर किसी तरह की कोई कार्यवाही ही की जा रही है।
बड़े ठेकेदारों द्वारा लगातार निर्माण कार्य किए जा रहे है
जिले में लगातार सड़कों और बड़े भवनों का निर्माण कार्य शासकीय निर्माण एजेंसियों की देख रेख में लॉक डॉउन के दौरान भी चल रहा है। इस पर न ठेकेदार कोई जवाब देते है न शासकीय एजेंसी, इन कार्यों में स्थानीय मजदूर कार्य करते है, परिवहन कार्यो में लगाए जाते है जिनके बचाव व सुरक्षा के लिए ही बार बार शासन और प्रशासन लॉक डॉउन कर रहा है पर ये ही लोग इसका पालन नहीं कर रहे।

पिछले दिनों लॉक डॉउन के दौरान लुकामपुर क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क का कार्य राज लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन द्वारा किया जा रहा था, जिस पर विभाग के अधिकारियों को जानकारी दिए जाने के बाद भी कार्यवाही नहीं की गई।
गीधा में लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार एकता कंस्ट्रक्शन द्वारा पुलियाओ का निर्माण कार्य जारी है, ठेकेदार का कहना है हम शासकीय निर्माण एजेंसी का कार्य कर रहे है और विभाग लोगो को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कार्य जारी रखने कहता है।
गीधा ग्राम पंचायत द्वारा सड़क निर्माण में सौ से अधिक मजदूर काम पर लगे थे, सचिव और सब इंजीनियर का कहना था कि मनरेगा के काम चालू रखने की छूट है।
1 अगस्त को कुकर्रा मठ का बाजार लगा, अमेरा में भी बाजार लगने की खबर है।
जब निजी निर्माण कार्य, शासकीय एजेंसी के कार्य, पंचायतों के कार्य लॉक डॉउन में भी जारी रखे जाएंगे ग्रामीण मजदूर वहां बड़ी संख्या में जायेगे, निर्माण सामग्री का परिवहन भी होगा, तब फिर कंप्लीट लॉक डॉउन का अर्थ क्या सिर्फ दुकानों को भर बंद किया जाना और शहरी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को भर ताला मारना है? जिन ग्रामीण अंचलों में कोरोना का व्यापक असर दिखाई दे रहा है वहां पूरी छूट होगी।
जिले के ग्रामीण अंचलों में कोरोना का व्यापक असर है। गावों में कोरोना पैर पसार रहा है कल एक दिन में सबसे अधिक दस कोरोना संक्रमित व्यक्ति व्यक्ति जिले में पाए गए है और आगे भी इसकी रफ्तार बढ़ने की संभावनाएं बताई जा रही है तब भी यदि ग्रामीण अंचलों में लॉक डॉ उन वहां इसी तरह शिथिल रहा तो जिले में संक्रमण फैलने की स्थितियां अधिक गंभीर हो सकती है। म पंचायतों, कोटवारों और पुलिस की सतर्कता ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाए जाने की अधिक आवश्यकता है। कोबिड – 19 के निर्देशों का पालन सभी क्षेत्रों में पूरी कड़ाई से लागू करने पर बल देना इस दौर की जरूरत है।