सिविल सप्लाई कार्पोरेशन की धान दुलाई भगवान भरोसे

Listen to this article

बनते बिगड़ते मौसम में खराब हो रही सरकारी धान

डिंडोरी – जनपथ टुडे 6 फरवरी 2020

जिले की लचरव्यवस्थाओ से आमजन तो है ही हलाकान ऊपर से सरकारी खजाने पर भी जमकर मार पड़ रही हैं।शासकीय अमले के कारनामे अपने आप में अद्वितीय है जिन का इकलौता उद्देश्य जमकर अपनी जेब भरना है।

खरीदी के पखवाड़े भर बाद भी नहीं ढूली धान

जिले के विभिन्न खरीदी केंद्रों पर खरीदी की तिथि समाप्त होने के 2 सप्ताह बाद भी बड़ी मात्रा में धान पड़ी हुई है बदलते मौसम और बरसात के चलते जिले के विभिन्न खरीदी केंद्रों में किसानों से खरीदी हुई धान खराब हो रही हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि खरीदी केंद्रों के पर्याप्त साधन और सुविधाए उपलब्ध नहीं जिससे खुले में रखी धान को मौसम से बचाया जाए वहीं दूसरी तरफ सिविल सप्लाई कार्पोरेशन विभाग द्वारा करवाया जा रहा परिवहन कार्य अत्यंत धीमी गति से चल रहा है ।

मध्यप्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक ए.के. नगरारे ने जानकारी में बताया कि कुल 3,86,270 किवंटल धान की खरीदी शासन द्वारा जिले के केंद्रों के माध्यम से किसानों से की गई है,जिसमें से 6 फरवरी तक 296790 किवंटल धान परिवहनकर्ता द्वारा निर्धारित स्थलों तक पहुंचाई जा चुकी हैं। विभाग का आंकड़ा सही माना जावे तब भी अभी 89460 किवंटल धान खरीदी केंद्रों से परिवहन किया जाना शेष है।

                                                                                                                  अमरपुर में केंद्र में रखी धान

 

अनुमानित 90000 किवंटल धान का परिवहन अभी शेष है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सक्का, भानपुर, समनापुर, पिपरिया बमनी अमरपुर कोकोमरा समितियों से लगभग 43000 किविंटल धान चांदपुर ओपन कैब ओर हर्रा, शाहपुर, सुनपरी,हर्रा(खरगहना) मडियारास, कुकरामठ, छाटा, सरहरी की समितियों से लगभग 51200 किविटल निगवनी परिसर पहुंचाई जाना है। विभाग के अधिकारियों ने इस सन्दर्भ में 4 फरवरी को परिवहनकर्ता को पत्र जारी कर 10 फरवरी तक परिवहन कार्य पूर्ण करने हेतु पत्र जारी किया है। गौरतलब है कि शेष बची हुई धान की मात्रा इतनी अधिक है कि इसे परिवहनकर्ता द्वारा जिस गति से कार्य किया का रहा है उस ओसत से तो संभव नहीं है कि इतना परिवहन 4 दिनों में किया जा सके । किन्तु विभाग ने जिला कलेक्टर के दवाब के चलते परिवहनकर्ता को दिखावे का पत्र जरूर जारी कर दिया है ।

परिवहन कार्य में है गड़बड़झाला

विभाग के अधिकारी परिवहन कार्य की धीमी गति और परिवहन की अक्षमता को छुपाने के लिए तर्क देते है कि जिले में परिवहन की निविदा न होने से वे अपने स्तर पर ट्रांसपोर्टरस से ढुलाई कार्य करवा रहे है जबकि सच्चाई ये है कि विभाग में एक ट्रक मालिक का कब्जा है और विभाग कि मिलीभगत से अन्य ट्रांसपोर्टरो को न तो यहां कार्य करने दिया जाता है न ही उनसे कोटेशन अथवा सहमति ली गई है।

अधिकारी तर्क देते है कि वे तमाम ट्रांसपोर्टरो से अलग अलग कार्य करवा रहे है । किन्तु विभाग में धान परिवहन और पी. डी. एस का कार्य का एक ही व्यक्ति को पिछले वर्षों से विभाग भुगतान करता आ रहा है । इसी परिवहनकर्ता की सहमति और शर्तों पर अन्य ट्रक मालिक कार्य करते है, और यही सच्चाई सिविल सप्लाई विभाग द्वारा धान परिवहन हेतु जारी पत्र भी साफ करता है जो कि एक ही परिवहनकर्ता के नाम जारी किया गया है । यदि विभाग व्यक्ति विशेष के हितों को दरकिनार कर जिले के सभी ट्रक मालिकों को धान का परिवहन कार्य सौंप देता तो संभवत अब तक समितियों में संग्रहित पूरी धान का परिवहन हो चुका होता यह भी बजह हैं कि धान के परिवहन का कार्य धीमी गति से चल रहा है और खराब होते मौसम में कीमती धान खराब होने की कगार पर हैं।

Related Articles

Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809 666000