पशु चिकित्सा विभाग गाड़ासरई में कार्यरत श्रीलाल सरैया की पत्नी ने गुजाराभत्ता दिलवाने जिला कलेक्टर से की मांग

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अपनी बच्चियों को छोड़ कर महिला सहकर्मी के साथ लिवइन रिलेशनशिप में रह रहा कर्मचारी

बच्चियों की शिक्षा हुई प्रभावित

तीन बच्चियों का भरण पोषण कर रही बेरोजगार महिला

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 26 फरवरी 2021, पशु चिकित्सा विभाग में कम्पाउन्डर के पद पर गाड़ासरई पशु चिकित्सालय में पदस्थ श्रीलाल सरैया की पत्नी प्रेमिला ने जिला कलेक्टर को आवेदन देकर परिवार को छोड़कर अपनी सहकर्मी भृत्य के साथ लिवइन रिलेशनशिप में विगत सात साल से रह रहे पति से परिवार के भरन पोषण हेतु कुटुंब न्यायालय द्वारा निर्धारित गुजाराभत्ता 15000/- हजार रूपए मासिक दिलवाए जाने का निवेदन किया है।

पीड़ित पत्नी के अनुसार उसके पति की लगभग 75000/- रुपए मासिक आय है। वेतन के साथ ग्राम पंचायत छांटा में कृषि भूमि और संपत्ति है, किन्तु मैं उसकी विवाहिता पत्नी जिससे उक्त शासकीय कर्मचारी का विवाह 22 वर्ष पूर्व हुआ था और हमारे विवाह से तीन बच्चियां क्रमश 15,12 और 6 वर्ष की है को कुछ भी नहीं राशि खर्च हेतु नहीं जाती है। मैं एक बेरोजगार महिला हूं और खनूजा कालोनी में किराए के मकान में रहती हूं तथा हम अपने रिश्तेदारों और मायके से सहयोग लेकर बड़ी मुश्किल से गुजारा करते है।  पति द्वारा न्यायालय  भत्तासे निर्धारित भी नहीं दिया जा रहा है जिससे मेरी बेटियों की पढ़ाई लिखाई प्रभावित हो रही है। अतः निवेदन है कि मुझे कुटुंब न्यायालय द्वारा निर्धारित गुजरा भत्ता दिलवाया जावे ताकि परिवार की गुजर बसर हो सके और बच्चियों की शिक्षा और भविष्य सुरक्षित हो सके।


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पीड़ित महिला ने बताया कि मेरा पति शासकीय कर्मचारी होते हुए भी अपनी विवाहिता पत्नी और बच्चों को त्याग कर बिना तलाक लिए अन्य महिला के साथ रह रहा है, जो कि कुटुंब न्यायालय में प्रकरण में दिए गए निर्णय से स्पष्ट है। अतः उसके विरूद्ध कार्यवाही की जावे साथ ही न्ययालय के आदेश की अवमानना करते हुए, मुझ महिला और अपनी बच्चियों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने वाले शासकीय कर्मचारी के विरूद्ध सख्त से सख्त प्रशासनिक कार्यवाही नियमानुसार की जावे।

उक्त महिला का प्रशासन से अनुरोध है कि उसके पति का तबादला गाड़ासरई से कहीं दूर कर दिया जावे जिससे वह उस महिला के चंगुल से बचकर परिवार को निर्धारित भत्ता दे।

पीड़ित परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय है और तीनों बच्चियों का भविष्य अंधकारमय है वहीं शासकीय कर्मचारी दूसरी महिला के साथ अपना पूरा वेतन और खेती से होने वाली आय खर्च कर रहा है वहीं विवाहिता पत्नी और तीन बेटियां रिश्तेदार और अपने परिचितों की सहायता को मोहताज है।



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