
जिले का एक गाव जहाँ राशन, बिजली और पानी का नहीं इंतजाम
धर्मेंद्र मानिकपुरी :-
मजदूरी के लिए भटकते ग्रामीण
राशनकार्ड बनाने सचिव ने लिए हजार रुपए फिर भी बैगा परिवार को नहीं मिल रहा राशन
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 1 जून 2021, करंजिया जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत पड़रीपानी के ग्रामीणों की समस्याएं देश आजाद होने के लंबे अरसे बाद भी ख़तम नहीं हो पाई है। प्रशासन की अनदेखी और कागजी खानापूर्ति में उलझा शासकीय अमला कभी इन गांवों तक पहुंचा नहीं और जनपद स्तरीय अमला यह मान कर गंभीर नहीं है कि इन ग्रामीणों की नियति ही यही है और इस शासकीय प्रक्रिया की असफलता के बीच ग्रामीण आजतक समस्याओं से उलझे विकास की राह ही ताक रहे है।
यहां के ग्रामीण शासन द्वारा वितरित किए जाने वाले राशन के लिए पारेशन है। ग्रामीण का कहना है कि ग्राम पंचायत के सचिव के चक्कर लगा लगा कर थक गए किन्तु अभी तक हम लोगों की राशन नहीं मिल पा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार लगभग 18 जनजाति परिवार यहां रहते है जिनमे से कुछ को कभी भी शासकीय राशन नहीं मिल पाया तो कुछ दस दस वर्षो से सरकार से मिलने वाले राशन के लिए भटक रहे है।
पीने के पानी की तकलीफ़ बताते हुए ग्रामीणों ने बतलाया कि हमें इसके लिए लगभग एक किमी पैदल जाना होता है और यह संकट हर परिवार वर्षों से झेल रहा है। गांव में विद्युत विभाग की अपार मेहरवानी से खंभे तो गाड़ दिए गए है किन्तु महीनों बिजली के दर्शन नहीं होने से ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाता। ग्रामीणजन मजदूरी और रोजगार के लिए परेशान है कोई ऐसी व्यवस्था प्रशासन की नहीं है जहां लोगों को मजदूरी मिल सके जिससे वे अपना परिवार पाल सके। ग्रामीणों की माने तो जंगल से कुछ जलाऊ लकड़ी, महुआ आदि वन उपज बीन कर कैसे भी परिवार का भरण पोषण करते है और कुछ उपज खेती से मिल जाती है जिसके बूते पेट भरने की मशक्कत जारी है।
ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण के लिए कभी प्रशासनिक अमला यहां तक नहीं पहुंचा। हैरान परेशान ग्रामीणों द्वारा की जाने वाली शिकायतों पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती और आज भी इस ग्राम के लोग उपेक्षा का शिकार है।
जिला प्रशासन ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों का निरीक्षण कर समस्याओं का कुछ हल निकालने की कोशिश करे ग्रामीणों की अपेक्षा और शासकीय योजनाओं में हेरा फेरी करने वाले जिम्मेदारो पर कठोर कार्यवाही की जावे तब कहीं सुधार की कुछ संभावना की जा सकती है।