दादर घुघरी, मेंहदवानी वनग्राम के रहवासियों की फसल नष्ट कर देते है दबंग

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ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई फसल की सुरक्षा की गुहार

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 14 फरवरी 2022, वन अधिनियम के तहत दिये गए पात्र हितग्राहियों को भू अधिकार की कृषि भूमि पर हर साल अनावेदकगणों के द्वारा चराई कराए जाने से परेशान वनग्राम दादरघुघरी थाना मेंहदवानी के ग्रामीणों ने फसल की सुरक्षा हेतु जिला कलेक्टर से गुहार लगाते हुए उनकी फसल की सुरक्षा के लिए लिखित आवेदन दिया गया व अनावेदकगणों पर अतिशीघ्र कार्यवाही की मांग को गई।

अनावेदक चमरा पिता छुन्दल, फूलचंद पिता अमौली, लक्ष्मी प्रसाद पिता कमल सिंह, हेम सिंह पिता चैतृ भगवान सिंह पिता मानसाय, रतन सिह पिता जियालाल, दयला पिता दसरू, संजू पिता गन्नीराम, डीहल पिता गया प्रसाद, संतोष पिता उदय सिंह, संता पिता डोमन, परता पिता विस्तर सिंह निवासी ग्राम कुकर्रा थाना मेंहदवानी पर उनकी फसल चराए जाने का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की गई।

ग्रामीणों द्वारा दिए गए आवेदन में कहां गया है कि हम समस्त ग्राम वनग्राम दादरघुघरी के निवासी हैं। हमारी फसलों को प्रतिवर्ष अनावेदकगण ग्राम पंचायत खरगवारा सरपंच के संरक्षण में आवेदकगणों की फसल चराई कर नष्ट कर दी जाती है। प्रत्येक वर्ष इनकी शिकायत पुलिस और जिला प्रशासन से की जा रही है। लेकिन आरोपी राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण इन पर कोई आपराधिक प्रकरण कायम नहीं किया जा रहा है। जिससे अनावेदकगणों के हौसले बुलंद रहते है और ये प्रतिवर्ष 2012 से लगातार हमारी फसल को नष्ट कर रहे है।

अतः समय पूर्व आपको यह शिकायत पत्र हस्ताक्षरयुक्त दे रहे है। ताकि इन पर अंकुश लगाया जा सके। अगर कोई दण्डात्मक कार्यवाही नहीं की जाती है तो यह समझा जावेगा कि जिला प्रशासन / पुलिस प्रशासन के संरक्षण में अनावेदकगण आवेदकगणों की फसल की चराई कराते आ रहे है। जिसके कारण कानून अथवा संविधान का इन को कोई डर ही नहीं है। फसल नष्ट होने के कारण 80 प्रतिशल ग्रामवासी जिले से पलायन कर जाते हैं। पलायन को रोकना है तो अनावेदकों पर दण्डात्मक कार्यवाही करने की दया करें, ग्रामवासी आपके आभारी रहेगें।

गौरतलब है कि कई वर्षों से फसल को नुक्सान पहुंचने के बाद दादर घुघरी के गरीब किसान अपनी शिकायत पुलिस और प्रशासन से करते है। किन्तु अब तक आरोपियों के विरूद्ध कोई कठोर कार्यवाही नहीं की है। जबकि अत्यन्त गंभीर विषय है यह असामाजिक तत्वों की इस गैरकानूनी हरकत से कई परिवारों के सामने भरण पोषण का संकट खड़ा हो जाता है तब भी पुलिस और प्रशासन द्वारा इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं होने से इनके द्वारा बार बार यह कृत्य किया जा रहा है। राजनैतिक संरक्षण के चलते प्रशासन इन घटनाओं को रोक नहीं पा रहा है। पीड़ित ग्रामीणों की माने तो कई परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाता है वहीं बड़ी संख्या में लोग इसी कारण से अपना पेट पालने पलायन कर जाते है।

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