जनपथ टुडे, मार्च 9,2020, जिले के विकास के खोखले वादे करने वाले जिले के जनप्रतिनिधियों और हर सरकार में जिले से मंत्री बनने वाले नेताओं की आंख में पद पाते ही काली मोटी पट्टी बंद जाती है।
ऐसा ही एक नमूना है जबलपुर अमरकंटक मुख्य मार्ग पर बसे गोरखपुर नगर का जहां आमलोगों के आवागमन का मुख्य साधन बसे है और आजादी से लेकर आज तक मुख्य सड़क पर ही अघोषित बस स्टॉप और वही टैक्सी स्टैंड बना हुआ है, आमलोगों को यात्रियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है न यात्रियों के बैठने समुचित व्यवस्था है न प्रसाधन न ही बसो के खड़े होने के लिए स्थान पर आज तक किसी को इसकी चिंता नहीं हुई।
जिले के नेता रेल लाइन लाने की का जनता को पिछले दो दशक से सपना दिखा रहे है पर जिले के अधिकतर नगरो में आज तक बस स्टॉप नहीं बना पाई है सरकार और इसकी सीधी वजह है जिले के चुने हुए नेताओं का निकम्मेपन।
त्यौहार और पर्व के अवसर में मेला मड़ई के समय यहां के हाल और अधिक बिगड़ जाते है जब इस ही सड़क पर बाजार की भीड़ और दुकानदारों का कब्जा हो जाता है।
ग्रामीण यात्रियों की परेशानी की सुध प्रशासन को भी नहीं है न ही स्थानीय ग्राम पंचायत इस समस्या का कोई हल निकालने तैयार है अब लोग कहा जाए और किससे कहे जब जिम्मेदार लोगों की आंखें खुलने ही तैयार न हो?