नर्मदा नदी में मिल रहे गंदे नालों पर व्यापारी संघ की याचिका, लोक उपयोगी लोक अदालत ने मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों को जारी किए नोटिस

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संपादक प्रकाश मिश्रा 8963976785

जनपथ टुडे डिण्डोरी, 29 नवम्बर 2025- डिण्डोरी जिला व्यापारी संघ द्वारा शहर में गंभीर रूप से फैल रहे जल प्रदूषण, सीवेज प्रबंधन की अव्यवस्था तथा नर्मदा नदी में सीधे गंदे नालों के मिल रहे प्रवाह को लेकर जन उपयोगी लोक अदालत, जिला एवं सत्र न्यायालय डिण्डोरी के समक्ष प्रस्तुत याचिका पर न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लिया है। न्यायालय ने इस जनहित के मुद्दे को अत्यंत गंभीर मानते हुए मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश शासन, प्रमुख सचिव—नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, आयुक्त—नगरीय प्रशासन और विकास विभाग, कलेक्टर डिण्डोरी, मुख्य नगर परिषद अधिकारी, तथा क्षेत्रीय अधिकारी—प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी कर विस्तृत प्रतिवेदन मांगा है।

याचिका प्रस्तुत करते समय व्यापारी संघ की ओर से अध्यक्ष संजय जैन, उपाध्यक्ष मुकेश तिवारी, सचिव रत्नेश बिलैया, तथा दुष्यंत पाठक और धर्मेंद्र दीक्षित उपस्थित रहे। उन्होंने न्यायालय को अवगत कराया कि नगर के विभिन्न क्षेत्रों से निकलने वाला दूषित एवं बदबूदार जल बिना किसी वैज्ञानिक उपचार के सीधे माँ नर्मदा नदी में पहुँच रहा है। चूँकि नर्मदा डिण्डोरी नगर का मुख्य पेयजल स्रोत है, इसलिए यह स्थिति न केवल पर्यावरणीय संकट है बल्कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों—विशेषकर स्वच्छ जल एवं स्वास्थ्य के अधिकार—का स्पष्ट उल्लंघन भी है।

सीवेज प्रोजेक्ट में गंभीर तकनीकी अनियमितताओं की ओर भी कराया ध्यान आकर्षित

व्यापारी संघ ने अपनी याचिका में नगर परिषद क्षेत्र में चल रहे सीवेज प्रोजेक्ट में गंभीर तकनीकी अनियमितताओं की ओर भी ध्यान आकर्षित किया है। संघ के अनुसार परियोजना संचालित करने वाली एजेंसी द्वारा मानक के विपरीत 4 इंच व्यास की पतली पाइपलाइन का उपयोग किया जा रहा है। यह कम क्षमता की पाइपलाइन बार-बार जाम, सीवेज ओवरफ्लो और आसपास की सड़कों के कटाव का कारण बन रही है। इससे न केवल स्वास्थ्य जोखिम बढ़ रहा है बल्कि शहर के कई क्षेत्रों में दूषित जल फैलने की स्थिति बन गई है।

सीवर लाइन बिछाने के नाम पर शहर के कई वार्डों की सड़कें अत्यधिक क्षतिग्रस्त

याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि सीवर लाइन बिछाने के नाम पर शहर के कई वार्डों की सड़कें अत्यधिक क्षतिग्रस्त कर दी गई हैं, जिन पर बड़े-बड़े गड्ढे, उखड़ी हुई मिट्टी और अनियमित खुदाई के चलते नागरिकों के आवागमन में अत्यधिक कठिनाई उत्पन्न हो रही है। स्कूली बच्चों, दोपहिया चालकों तथा व्यापारियों के लिए यह स्थिति विशेष रूप से परेशान करने वाली हो गई है। आरोप है कि परिषद में बैठे संबंधित अधिकारी इन समस्याओं के समाधान के लिए अपेक्षित कार्यवाही करने से लगातार परहेज़ कर रहे हैं, जिससे नागरिकों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

अधिवक्ता सम्यक जैन एवं के.के. सोनी द्वारा दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि नगर का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अपेक्षित क्षमता से संचालित नहीं हो रहा है। दूषित जल को उपचारित करने, डायवर्ट करने तथा सुरक्षित निस्तारण के प्रभावी तंत्र की अनुपस्थिति के कारण बिना उपचारित गंदा पानी सीधे नर्मदा नदी में पहुँच रहा है, जिससे नदी की पवित्रता, पर्यावरण और पेयजल गुणवत्ता पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

व्यापारी संघ ने न्यायालय से माँग की है कि नर्मदा नदी में मिल रहे सभी गंदे नालों को तत्काल प्रभाव से रोका जाए, दोषपूर्ण सीवेज प्रोजेक्ट की तकनीकी जाँच करायी जाए, मानक-विपरीत बिछाई गई पाइपलाइन को हटाकर उपयुक्त पाइपलाइन लगाई जाए, तथा क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्निर्माण तत्काल किया जाए। साथ ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को पूर्ण क्षमता पर संचालित करने और नगर परिषद अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की भी प्रार्थना की गई है।

न्यायालय ने जारी किया शीर्ष स्तर के अधिकारियों को नोटिस 

न्यायालय द्वारा शीर्ष स्तर के अधिकारियों को नोटिस जारी होने के बाद यह मामला अब प्रशासनिक हलकों में भी गंभीरता से उठने लगा है। व्यापारी संघ ने उम्मीद जताई है कि न्यायालय के हस्तक्षेप से नर्मदा नदी की पवित्रता संरक्षित होगी और शहरवासियों को स्वच्छ पेयजल एवं सुरक्षित पर्यावरण उपलब्ध होगा।

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