हैप्पी /सुपर सीडर के उपयोग से कृषकों को लाभ, समय और श्रम की बचत – कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदोरिया

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संपादक प्रकाश मिश्रा 8963976785

जनपथ टुडे डिण्डौरी 19 दिसंबर 2025 – प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराएं जाते हैं। इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने धान की फसल कटने के बाद बची पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को आधुनिक कृषि मशीनें वितरित करने का फैसला लिया है। इन कृषि मशीनों में सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, जीरो ड्रिल जैसी कृषि मशीनें शामिल होंगी। इससे किसानों को धान की पराली के प्रबंधन में आसानी होगी और साथ ही पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी। जिला कलेक्टर अंजू पवन भदोरिया ने कहा कि जिले के किसानों को सरकार की योजनाओं से जुड़कर कृषि के क्षेत्र में नई और उन्नत तकनीकों का उपयोग कर अधिक उत्पादन करते हुए अपनी आय बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

इस प्रकिया से कृषकों को मिलेगा लाभ

​सुपर सीडर/हैप्पी सीडर हेतु कृषकों की पात्रता एवं शर्तें

सुपर सीडर –
कीमत 2,50,000 3,00,000/-
अनुदान 1,20,000/-

हैप्पी सीडर –
कीमत 1,80,000 2,00,000/-
अनुदान 86,400/-

आवश्यक दस्तावेज

1. बी 1 की प्रति (आवेदक का अनिवार्य)
2. 45 एच पी से अधिक की टैक्टर की आर सी (रक्त संम्बध का भी मान्य)
3. बैंक पासबुक की प्रति
4. आधार कार्ड की प्रति
5. जाति प्रमाण पत्र की प्रति
6. 4500 रूपये का डिमांड ड्राफ्ट (DD)

वेबसाइट – Farmer.mpdage.org पर आनलाईन आवेदन कर सकते है।

हैप्पी सीडर के उपयोग :-

कम्बाईन हार्वेस्टर से कटाई के उपरांत नरवाई खेत में रह जाती है उसे बिना हटाये अथवा विना जलाये खेत में सीधे बोनी की जाती है।

हैप्पी सीडर में घूमने वाली लोहे की पत्ती लगी होती है जो बोई जाने वाली कतार के सामने नरवाई को कटाकर विछा देती है तथा इससे लगी हुई जीरो टिल सीड कम फर्टिलाईजर ड्रिल से बोनी हो जाती है।

कटी हुई नरवाई मल्चिंग का कार्य करती है तथा फसल बढाने के साथ-साथ तरवाई विघटित होती जाती है जो मृदा में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा में वृद्धि कर मृदा की उर्वरा शक्ति बढाती है।

हैप्पी सीडर से बोनी करने पर श्रम व लागत के साथ-साथ 15 से 20 दिन तक की बचत होती है तथा तथा उत्पादन में लगभग 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होती है। इस मशीन की कार्य क्षमता 0.3 से 0.4 हेक्टेयर/घण्टा है।

सुपर सीडर के उपयोग :-

फसल की कटाई के बाद नरवाई की खेती से हटाये बिना अगली फसल की बुआई की जाती है।धान/गेहूं की फसल कटने के बाद खेत की नमी में ही अगली फसल की बुवाई हो जाती है जिससे बुवाई से पहले खेत में नमी रखने के लिये सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। सुपर सीडर में लगे रोटावेटर की मदद से खेत की जुताई हो जाती है एवं पराली खेत में मिल जाती है जिससे जमीन में पोष्टिक तत्वों की बढ़ोत्तरी होती है तथा नरवाई में आग लगाने की आवश्यकता नही पडती है। इस मशीन की कार्य क्षमता 0.3 से 0.4 हेक्टेयर/घण्टा है।

कृषक मित्र सरकार की इस योजना से जुड़कर अपनी कृषि को लाभ का धंधा बना सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए जिला प्रशासन अथवा कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है।

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