
हंगामा है क्यो है बरपा …… ? रेत ठेकेदार ने रेत जांच चौकी पर बंदूक़धारी किए तैनात
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 24 जून 2020, लॉक डॉउन के चलते और फिर शासन और रेत ठेकेदारों के बीच कुछ मुद्दों पर टकराव के चलते जिले में रेत की खदानें शुरू नहीं हो पा रही थी। वही अनलॉक के पहले ही शासन ने निर्माण कार्यों को शुरू किए जाने की अनुमति दे दी थी।किन्तु बंद रेत की खदानों के चलते रेत की आपूर्ति न होने और चोरी छुपे थोड़ी-बहुत रेत के परिवहन से निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे थे।
ठेकेदार के खिलाफ लामबंदी
इसी माह जिले में रेत खदान के ठेकेदार के पी सिंह भदोरिया के द्वारा अमरपुर विकासखंड में स्थित दिवारी – 2 रेत खदान से रेत की निकासी शुरू की गई जिससे जिले में रेत की आपूर्ति तो सुलभ हुई परन्तु साथ ही साथ हंगामो की भी शुरुआत हो गई। शिकवा शिकायत, खदान पर अवैध तरीके से उत्खनन, गांव वासियों को परेशान किए जाने लोगों की जमीन पर ठेकेदार के द्वारा जबरन कब्जा किए जाने के अलावा क्षेत्र में बंदूकधारियों का मुद्दा अब तक गरम है।
स्थानीय लोगों के अलावा राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी कई शिकायतें जिला प्रशासन, खनिज विभाग, पुलिस से लेकर भोपाल तक की गई। मीडिया में खबरें भी मामला गर्म करती रही। वहीं बहुत से लोग अपनी टीम बना के रेत खदान और शासन के नियमों के विरुद्ध उत्खनन की निगरानी करने दिवारी स्थित खदान पर भी पहुंचे। ठेकेदार पर लगातार आरोप और शिकायतों का अंबार लग गया पुलिस, खनिज विभाग, जिला प्रशासन से लेकर भोपाल तक आपत्तियां दर्ज कराई गई।
प्रशासनिक जांच पड़ताल के बाद भी अधिकांश आरोपों को नकारा ही दिया गया है। खदान पर एक पोकलेन मशीन के विरुद्ध कार्यवाही की जानकारी के अलावा बाकी किसी भी तरह की कोई कार्यवाही अब तक प्रशासन द्वारा रेत खदान के विरुद्ध नहीं की गई है। आरोप बहुत से लगे दबाव भी प्रशासन पर बनाया क्या फिर भी तत्वों की कमी के चलते कोई बड़ी कार्यवाही संभव नहीं हो सकी। गौरतलब है कि जिले में लग रहे आरोप भोपाल तक भी पहुंचे और मंत्री ने भी जांच कर कार्यवाही के आदेश दिए थे।
रेत के अवैध कारोबारी बौखलाहट में कर रहे है भ्रमित
जिले में रेत खदान को लेकर मचे हंगामे के बीच रेत खदान का ठेकेदार की ओर से अधिकृत तौर पर संचालन कर रहे राजू खान ने लग रहे सारे आरोपों को नकारते हुए बताया कि रेत की निकासी में प्रतिदिन ठेकेदार के द्वारा एक मात्र दिवारी खदान पर लगभग एक लाख रुपए की मजदूरी ग्रामीण मजदूरों को नगद दी जाती है। सैकड़ों लोगों को रोजगार मिल रहा है। वही खदान में कार्य कर रहे मजदूरों को किसी विपदा, संकट और उनके परिजनों के शादी विवाह के अवसर पर ग्यारह हजार रुपए कार्य के अतिरिक्त दिए जाने की भी व्यवस्था बनाई गई है।
सहमति और अनुबंध कर लोगो की भूमि से रास्ता बनाया गया
खदान तक आने जाने के रास्ते में जिन लोगों की निजी भूमि का उपयोग किया जा रहा है वह उनकी लिखित सहमति से 20 से 35 हजार रुपए तक का भुगतान दे कर, भूमि मालिकों से अनुबंध करके किया जा रहा है। किसी की जमीन पर अवैध कब्जा नहीं किया गया है।
जांच चौकी प्रशासन की अनुमति से बनाई गई है
क्षेत्र में लगातार पिछले कई महीनों से अवैध खनन और रेत का अवैध परिवहन जारी था जिससे क्षेत्र बहुत से वाहन मालिक लिप्त थे जिसकी माइनिंग कारपोरेशन को जानकारी देकर प्रशासन से अनुमति लेकर ठेकेदार के द्वारा छ जांच चौकियां बनाये जाने की जानकारी दी है। जिन पर हमारे लोग तैनात हैं उनके पास वैधानिक हथियार हैं जिनकी जानकारी और इन लोगों का रिकॉर्ड क्षेत्रीय पुलिस को नियमानुसार दिया गया है किन्तु इन चौकियो से रेत की चोरी करने वाले और अवैध कारोबार प्रभावित हुआ है, जिससे बहुत से लोग प्रभावित हैं और अब ये लोग स्थानीय लोगों, मीडिया और जनप्रतिनिधि को भ्रमित कर रहे हैं। गलत जानकारी दे रहे हैं और हंगामा करवाया जा रहा है जबकि अब तक लगातार हो रही शिकायतों की पुलिस, प्रशासन, खनिज विभाग जांच कर चुका है आरोप गलत थे। आगामी समय में जिले की अन्य रेत खदानें भी प्रारंभ की जाएगी गोरखपुर क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अवैध रेत की निकासी अभी भी जारी है जिसकी सूचना हमारे द्वारा खनिज विभाग को दी गई है पर उसे रोका नहीं जा सका है और ये अवैध कारोबारी सक्रिय है और जिले के तमाम नेताओं को , प्रशासन को भ्रमित कर रहे हैं। प्रतिदिन रेत खदान के अस्थाई कार्यालय में लाखों रुपए के लेनदेन होतो है, पैसा वहां से लाना और बैंक तक पहुंचाना होता है, इस प्रक्रिया में सुरक्षा की दृष्टि से बंदूकधारियों को रखा गया है जो अब तक किसी के लिए भी न तो खतरा बने हैं न हीं कोई वारदात हुई फिर भी अनावश्यक रूप से दबाव बनाने के लिए इस तरह की झूठी शिकायते की जा रही है।
रेत को लेकर लगातार मचे हंगामे पर अब तक रेत ठेकेदार के पक्ष को कहीं भी उजागर नहीं किया गया था हमारे द्वारा कई दिनों से प्रयास किए जाने के बाद रेत खदानों का जिले में आधिकारिक रूप से मैनेजमेंट सम्हाल रहे श्री राजू खान से बात हो सकी और उन्होंने लग रहे आरोपों पर अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट किया कि रेत खनन हेतु शासन से फर्म का अनुबंध शासन को दिए जाने वाले राजस्व का निर्धारण और वैधानिक अनुबंध है जिसको लोग अनावश्यक रूप से प्रभावित करने के प्रयास कर रहे है। लोग सिर्फ शिकायत ही नहीं कर रहे है बल्कि बेजा तौर तरीके अपना कर लोग खदानों की, दस्तावेजों की जांच तक करने पहुंच जाते है जिसकी शिकायत हमारे द्वारा भी की जा रही है।
जिले के अन्य क्षेत्रों में भी अवैध रेत खनन जारी है
गौरतलब है कि गाड़ासरई, गोरखपुर और करंजिया क्षेत्र में विगत कई वर्षों से रेत का अवैध कारोबार बड़े स्तर पर जारी है। वर्तमान सत्र के पूर्व रेत की नर्मदा की खदानों की नीलामी नहीं की जा रही थी और वहा खुले तौर से कई बड़े माफिया मुफ्त में रेत का, बिना कोई राजस्व चुकाए अवैध कारोबार कर रहे थे और अब भी कर रहे है। बताया जाता है कि प्रतिदिन यहां बड़ी मात्रा में खनन हो रहा है और जिले के ही लोग यहां अवैध खनन कर रहे है और इन्हें वहां कोई रोकने वाला नहीं है! न कभी क्षेत्रवासियों ने विरोध किया न जनप्रतिनिधियों ने इस पर आपत्ति दर्ज करवाई! आने वाले समय में जब ठेकेदार इस खदान से खनन करना प्रारंभ करेगा तब यहां भी रेत के काले कारोबारी प्रभावित होंगे और वहां फिर इसी तरह के विवाद की शुरुआत होगी।
इस पूरे हंगामे के बीच हल्ला बोल और ठेकेदार दोनों के अपने अपने पक्ष है। इस पूरे हंगामे के पीछे वजह और हकीकत भी किसी से छुपी नहीं है, सबको सब पता है!