नाबालिग को बहला कर भगाने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपी की जमानत याचिका निरस्त
जनपथ टुडे, जबलपुर, 10 सितम्बर 2020, फरियादी ने थाना भेड़ाघाट में उपस्थित होकर इस आशय की गुम इंसान रिपोर्ट लेखबद्ध करायी कि पीड़िता दिनांक 17/01/2020 की रात 11:00 बजे वे लोग खाना खाकर सो गए थे उसकी 16 वर्ष 6 माह की पुत्री भी उसके उसके साथ सो रही थी। रात्रि करीब 3:00 बजे जब मैं उठकर देखी उसकी लड़की पीड़िता बिस्तर में नहीं थी। जिसकी तलाश आसपास सभी रिश्तेदारों में करती रही लेकिन पीड़िता का कोई पता नहीं चला। उसे संदेह है कि उसकी नाबालिग लड़की को कोई अज्ञात व्यक्ति भगा कर ले गया। फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर थाना भेड़ाघाट के अपराध क्रमांक 26/2020 अंतर्गत धारा 363 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान पीड़िता के बारे में पता करने पर दिनांक 01/09/2020 को पीड़िता को दस्तायाब कर पंचनामा तैयार किया गया।
पीड़िता के बयान लेखबद्ध किए गए, पीड़िता ने बताया कि 3 वर्ष पहले नटवारा, शहपुरा का रहने वाला अभियुक्त संजय चक्रवर्ती उनके गांव में ट्रैक्टर चलाने आया था तभी उसकी जान-पहचान उससे हो गई थी। दोनों बातचीत करते थे, गांव के कुछ लोगों ने बातचीत करते देख लिया था, अभियुक्त बोला कि तुम डरो मत मैं तुमसे शादी करूंगा। दिनांक 17/02/2020 को अभियुक्त घर आया और पीड़िता को शादी करने की बात कहकर भगा कर ले गया और मैहर ले जाकर मंदिर में पीड़िता की मांग में सिंदूर भरा था और मंदिर के बाजू में ही एक मकान में रुकने के बाद संजय उसे राजस्थान जयपुर रेलवे स्टेशन, भोपाल रेलवे स्टेशन ले गया वहां 2-3 दिन रुके। अभियुक्त ने पीड़िता के साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए जिससे पीड़िता 06 माह की गर्भवती हो गई और संजय चक्रवर्ती पीड़िता को छोड़कर चला गया था। फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर थाना भेड़ाघाट के अपराध क्रमांक 26/2020 अंतर्गत धारा 363,366,376(2)(एन) भादवि एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 3,4,5जे(2)6 के तहत इजाफा कर विवेचना में लिया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय श्रीमती संगीता यादव विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट, जिला जबलपुर में पेश किया गया।
अभियुक्त ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। शासन की ओर से प्रभारी उप संचालक श्री शेख वसीम के निर्देशन में अभियोजन की ओर से श्रीमती स्मृतिलता बरकड़े अति. जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा शासन की ओर से कड़ा विरोध प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखते हुए जमानत का विरोध किया गया। श्रीमती स्मृतिलता बरकड़े अति. जिला अभियोजन अधिकारी ने तर्क देते हुए बताया कि यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाता है, तो समाज में न्याय के विरूद्ध विपरीत संदेश पहॅुचेगा। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा व्यक्त किए गए तर्कों से सहमत होते हुए व अपराध की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए आरोपी की जमानत निरस्त कर आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।