पायली घुघरी मार्ग की हालत हुई खस्ता, ठेकेदार द्वारा नहीं किया जा रहा सुधार
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत गारंटी काल में संधारण के बिना ठेकेदारों हो जाता है भुगतान
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 26 सितंबर 2020, शहपुरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत पायली घुघरी से पहरुआ तिराहे तक का मार्ग जर्जर हो चुका है और छोटे वाहनों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। किए गए सड़क निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी और प्रधानमंत्री सड़क योजना के अधिकारियों की ठेकेदारों पर मेहरबानी के चलते 5 वर्ष की गारंटी के पहले ही सड़क जवाब देने लगी है।
लालपुर मोहरा कला मार्ग से पायली घुघरी मार्ग जिसकी कुल लंबाई 2. 60 किलोमीटर बताई जाती है। यह पायली घुघरी से पहरुआ तक एक किमी पूरी तरह खराब हो चुकी है पूरी सड़क पर गिट्टी उखड़ी पड़ी है लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है।पायल घुघरी से 1 किलोमीटर दूर घाट के नीचे सड़क पर ही बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं जिसमें बरसाती पानी भरने से आवाजाही में लोगों को भारी समस्या हो रही है और लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। ग्राम के सरपंच द्वारा शिकायत किए जाने के बाद भी पूरी बरसात गुजर गई और यहां सुधार कार्य नहीं किए जाने की बात बताई जा रही है।
बिना संधारण किए निकल जाती है राशि
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई इस सड़क की 5 वर्षीय गारंटी में ठेकेदार द्वारा संधारण का कार्य किया जाना था। जिसके लिए 2529 279/- रुपए की राशि खर्च किए जाने का प्रावधान भी था। किंतु 2017 के बाद से संधारण तो दूर की बात है न कोई विभागीय अधिकारी यहा झांकने आया और न ठेकेदार. ग्रामीणों की शिकायतों पर भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारी न कोई कार्यवाही करते हैं न ही ठेकेदार द्वारा सुधार कार्य किया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार की साठगांठ से विगत 3 वर्षों में लगभग ₹20 लाख की राशि सड़क की हालत सुधारे बिना ही, गारंटी की शर्तों को पूरा किए बिना ठेकेदार को भुगतान की व्यवस्था बिना दी गई जांच का विषय है। पहले घटिया निर्माण फिर संधारण की राशि घर बैठे अधिकारी और ठेकेदार बंदरबांट कर लेते हैं, वहीं ग्रामीण परेशान होते हैं। यही स्थिति पूरे जिले में बनी हुई है न विभाग के अधिकारी निरीक्षण करते है और न ही ठेकेदारों के द्वारा किसी भी मार्ग में संधारण कार्य किया जाता है। बहुत अधिक शिकायत आने तथा खबर आम होने के बाद थोड़ी बहुत थूका लपेटी भर करके संधारण कार्य और सड़क की पांच वर्षीय गारंटी के लाखों रुपए का भुगतान ठेकेदारों को मोटे कमीशन के बदले कर दिए जाने की भी चर्चाएं है।