दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे मासूम

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हाथों और पैरों से हैं लाचार

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 3 नवम्बर 2020, कोरोना संकट काल दो मासूम सगे भाईयों की दिव्यांगता पर भारी पड़ रहा है। गरीबी और हाथ-पैर से लाचारी की दोहरी मार झेल रहे दिव्यांग मासूम प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे हैं। विकासखंड डिण्डोरी अंतर्गत ग्राम चरगांव पोस्ट रयपुरा निवासी 14 वर्षीय अनुराग और 13 वर्ष के रावेंद्र पिता लेख राम विश्वकर्मा के बचपन से ही हाथ और पैर कमजोर हैं और धीरे-धीरे यह समस्या गंभीर बीमारी बन गई है। अब आलम यह है कि दोनों भाई अपने पैरों पर दो कदम भी नहीं चल पाते। बावजूद इसके विकलांगता प्रमाण पत्र के अभाव में इनको सरकारी योजना एवं ट्रायसाइकल की सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। बच्चों की बीमारी से तंग पिता अनुराग और रावेंद्र को साथ लेकर 28 अक्टूबर 2020 को विकलांगता प्रमाण पत्र हेतु जिला अस्पताल पहुंचा था। जहां टोकन भी दोनों पीड़ित के नाम से जारी किया गया था। लेकिन चिकित्सकों के कोविड ड्यूटी पर होने के कारण समिति बैठक का आयोजन नहीं हो सका और दिव्यांग प्रमाण पत्र पर रोड़ा अटक गया। अनुराग और रविंद्र ने बतलाया कि उसका स्कूल भी दूर है जिसके लिए उन्हें ट्रायसायकल की जरूरत है। इनको विकलांगता पेशंन भी दरकार है।

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