मुरैना – कलेक्टर वर्मा की बुद्धि पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट ने 10 हजार का अर्थ दंड लगाया
जनपथ टुडे, ग्वालियर, 4 फरवरी 2021, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर श्री अनुराग वर्मा की बौद्धिक योग्यता पर हाईकोर्ट ने सवाल उठाया है। श्री अनुराग वर्मा दिनांक 2 दिसंबर 2020 को मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के कलेक्टर थे, उन्होंने दूध में मिलावट करने वाले व्यापारी अवधेश शर्मा के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही का आदेश जारी किया था। इसी आदेश को निरस्त करते हुए हाई कोर्ट में श्री अनुराग वर्मा के निर्णय पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।
दूध कारोबारी अवधेश शर्मा के खिलाफ रासुका की कार्यवाही की थी
मुरैना जिला प्रशासन ने मिलावटी दूध बेचने के आरोप में अवधेश शर्मा को 1 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार किया था। कलेक्टर ने गिरफ्तारी के दूसरे दिन दिनांक 2 दिसंबर 2020 को आरोपी अवधेश शर्मा के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही के आदेश जारी कर दिए थे। दूध कारोबारी ने कलेक्टर द्वारा जारी किए गए रासुका के आदेश को हाई कोर्ट ने चैलेंज किया था।
मुरैना के दूध व्यापारी अवधेश शर्मा के खिलाफ रासुका की कार्यवाही का आदेश निरस्त
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कलेक्टर द्वारा जारी किए गए रासुका के आदेश को नियम विरुद्ध मानते हुए अवधेश शर्मा पर लगा एनएसए तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दिया। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ऐसा लगता है जैसे जिला प्रशासन की कार्यवाही द्वेष पूर्ण है। जस्टिस शीन नागू और जस्टिस आनंद पाठक की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में कहा जेल अधिकार का हनन करने जैसा है। ऐसा प्रतीत होता है कि रासुका लगाते समय बुद्धि का प्रयोग नहीं किया गया। कोर्ट ने शासन और मुरैना कलेक्टर को 30 दिन के भीतर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भरने का आदेश दिया। यह राशि याचिकाकर्ता को दी जाएगी।