वन एवं वन प्राणियों की सुरक्षा में लगे वन अमले को सशस्त्र बल घोषित करने और पुलिस अधिकारियों के समकक्ष अधिकार देने की मांग
मध्य प्रदेश वन कर्मचारी संघ ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 13 फरवरी 2021, मध्य प्रदेश वन कर्मचारी संघ ने आज वन मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर वन अमले पर कर्तव्य के दौरान होने वाले हमलों के संबंध में कार्यवाही किए जाने की मांग की ।
सौंपे गए ज्ञापन में संघ के कर्मचारियों ने वर्तमान में आपराधिक तत्वों, विशेष रूप से अतिक्रमण, अवैध कटाई, अवैध उत्खनन, अवैध शिकार करने वाले माफिया गिरोह के लोगों के द्वारा वन सुरक्षा के दायित्व लगे वन रक्षकों से लेकर अधिकारियों तक पर हमलों की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए वन अधिकारियों कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ाए जाने की मांग की है।
मध्य प्रदेश वन कर्मचारी संघ द्वारा शासन का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया गया है कि प्रशासन द्वारा कर्मचारियों की सुरक्षा हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। वन कर्मचारी संघ पूर्व में मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग के आदेश 11/6/1996 एवं वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 197 की धारा 2 के अनुसार वनरक्षक एवं उच्च अधिकारी अपने कर्तव्य निर्वहन के दौरान अग्नेय शस्त्र का उपयोग करते हैं, तो ऐसे मामले में वन अधिकारी कर्मचारियों के नाम दर्ज कराई गई एफआईआर में पुलिस जब तक संज्ञान नहीं लेगी जब तक कि जिला दंडाधिकारी द्वारा आदेशित दंडाधिकारी के जांच में यह सिद्ध नहीं हो जाता कि आग्नेय शस्त्र का उपयोग चालन अनावश्यक कारण अथवा आवश्यकता से अधिक बल प्रयोग करने के लिए किया गया है। कर्मचारी संघ ने मध्यप्रदेश में अपने कर्तव्यों के निर्वहन के द्वारा 2016 से 20 तक की अवधि में 5 कर्मचारी शहीद एवं 140 कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं जो कि टाइगर स्टेट मप्र के लिए शर्मनाक स्थित है
वन कर्मचारी संघ जिला शाखा डिंडोरी ने अनुरोध किया कि वन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा में कार्यरत वन अमले को सशस्त्र बल घोषित करते हुए पुलिस अधिकारियों के समकक्ष अधिकार एवं सुविधा प्रदान कर माफिया गिरोह पर अंकुश लगाने हेतु निर्देशित करने का कष्ट करें।