मुस्तैद म.प्र.पुलिस की विधानसभा में खुली पोल

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दुष्कर्म के 4743 मामलों में सिर्फ 64 पर दोष सिद्ध हुए, अपहरण के 5169 मामलों में 13 आरोपियों पर ही दोष साबित हो पाया

पिछले 11 माह में महिलाओं व बालिकाओं से रेप और अपहरण की 10002 वारदातें अपहरण के 1295 आरोपियों को भेजा गया जेल

 

जनपथ टुडे, भोपाल, डेस्क रिपोर्ट, 5 मार्च 2021,कांग्रेस विधायक द्वारा पूछे गए सवाल पर सरकार ने दिया जवाब मध्य प्रदेश की मुस्तैद पुलिस की शुक्रवार को विधानसभा में पोल खुल गई। पुलिस आरोपियों को तो पकड़ लेती है लेकिन कोर्ट में आरोप साबित करने और उन्हें सजा दिलाने में कमजोर साबित हुई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 11 माह में महिलाओं और बालिकाओं के साथ रेप और अपहरण के 10002 मामले दर्ज किए गए रेप की 4743 घटनाओं में 5472 आरोपियों को जेल भेजा गया लेकिन पुलिस सिर्फ 64 आरोपियों पर ही दोष सिद्ध कर पाई। वहीं अपहरण के 5169 केस दर्ज किए गए जिनमें 1295 आरोपियों को जेल भेजा गया इनमें से सिर्फ 13 आरोपियों के खिलाफ की दोष साबित हो पाया।

कांग्रेस विधायक सोहनलाल बाल्मीकि ने विधानसभा में सरकार से पूछा कि मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल 2020 से वर्तमान दिनांक तक महिलाओं व बालिकाओं के साथ रेप और अपहरण के कितने केस दर्ज हुए हैं। इन मामलों में क्या कार्यवाही हुई है और इन मामलों में कितने आरोपियों पर दोष सिद्ध हुआ है। ऐसी घटनाओं के रोकने के लिए सरकार ने क्या क्या कदम उठाए हैं।

गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने इसका लिखित जवाब दिया इसके मुताबिक पिछले 11 माह में महिलाओं और बालिकाओं के साथ रेप की कुल 4743 घटनाएं हुई। जबकि अपहरण की घटनाओं का आंकड़ा 5169 है। बताया गया महिलाओं के अपहरण 84 केस प्रदेश के विभिन्न थानों में दर्ज किए गए लेकिन एक भी केस में आरोपी पर दोष सिद्ध नहीं हो पाया। जबकि बालिकाओं के अपहरण के 5085 केस दर्ज किए गए।

पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल

विधानसभा में महिलाओं व बालिकाओं के साथ अपराध के आंकड़े सामने आए हैं, उससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। इन मामलों में पुलिस की विवेचना में अधिकांश आरोपियों पर दोष सिद्ध नहीं हो पाया। जबकि जेल भेजे जाने वाले आरोपियों की संख्या ज्यादा है, यानी पुलिस केस दर्ज करने के बाद जांच में सबूत नहीं जुटा पाई। बता दें कि जिस अवधि में ये रेप और अपहरण के केस दर्ज हुए हैं उस दौरान करीब 3 माह तक कोरोना संक्रमण के कारण लॉक डॉउन रहा जबकि अगले 3 माह में आंशिक छूट दी गई थी।

 

हर साल बढ़ रहे हैं महिला उत्पीड़न के मामले

दिमनी से कांग्रेस विधायक रविंद्र सिंह तोमर के सवाल पर गृह मंत्री के जवाब में सामने आया कि महिला उत्पीड़न के मामले हर साल बढ़ते जा रहे हैं तोमर ने सरकार से पूछा था कि 2017- 18 से 20 – 21 में महिला उत्पीड़न के कितने प्रकरण दर्ज किए गए इन्हें रोकने के लिए सरकार ने क्या प्रयास किया है। जवाब में बताया गया है कि पिछले 3 साल में महिलाओं के साथ उत्पीड़न के 10002 केस दर्ज किए गए।



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