मध्य प्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 1600 पद और होंगे स्वीकृत

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डिन्डोरी – जनपथ टुडे, 08,02,2020

उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती तक इस पर अतिथि विद्वानों को नियुक्ति दी जाएगी।

भोपाल – उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने आश्वासन दिया है कि प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 1600 पद पर और स्वीकृति दी जाएगी। असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती तक इस पर अतिथि विद्वानों को नियुक्ति दी जाएगी। मंत्री पटवारी ने यह आश्वासन अतिथि विद्वानों से मुलाकात के दौरान बुधवार को दिया। उन्होंने फिर कहा कि किसी अतिथि विद्वान को कॉलेज से निकाला नहीं जाएगा। सरकार सबके साथ है। वहीं पूर्व में स्वीकृत 680 पदों पर विभाग ने च्वाइस फिलिंग तो करा ली है लेकिन बुधवार को जारी होने वालों का कॉलेज का आवंटन अब तक जारी नहीं हुआ है। विभाग ने अपनी वेबसाइट पर कॉलेज आवंटन की सूची तो अपलोड कर दी है। लेकिन यह ओपन ही नहीं हो रही है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा विभाग ने बुधवार को अतिथि विद्वानों को तीन महीने का मानदेय जारी कर दिया है। जबकि बकाया आठ महीने का है।

अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ देवराज सिंह ने बताया कि अतिथि विद्वानों के प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री पटवारी से मुलाकात की है। उन्होंने 1600 पद और स्वीकृत करने का आश्वासन दिया है। लेकिन नौकरी से निकाले गए अतिथि विद्वानों को भी अब दोबारा नियुक्ति देने के लिए आदेश जारी कर देना चाहिए। वहीं पिछले आठ महीने से मानदेय के लिए इंतजार कर रहे थे। इस बीच सरकार ने मानदेय तो दिया नहीं बल्कि लोक सेवा आयोग से चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदभार संभालने पर प्रदेश के करीब ढाई हजार असिस्टेंट प्रोफेसरों को नौकरी से निकाल दिया।

अब लंबी लड़ाई के बाद विभाग ने मानदेय तो जारी किया है लेकिन आधा अधूरा। आठ महीने के बकाया मानदेय में से सिर्फ तीन महीने का ही मानदेय दिया गया है। आठ महीने से मानदेय नहीं मिलने से अतिथि विद्वान कर्ज में डूब चुके हैं। ऐसे में अब समझ नहीं आ रहा है कि महज तीन महीने के मानदेय से घर का राशन खरीदें, बच्चों की स्कूल फीस जमा करें या फिर माता-पिता की दवाएं। अब तो हमारी नौकरी भी चली गई है।

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