व्यापारियों में नाराजगी, कोरोना टेस्ट को लेकर रही अफरातफरी

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 12 अप्रैल 2021, रविवार को देर रात तक जिला चिकित्सालय में व्यापारियों की भीड़ देखी गई। प्रशासन द्वारा दुकान खोलने के लिए दुकानदार और उनके कर्मचारियों की टेस्ट रिपोर्ट होना अनिवार्य कर देने से व्यापारियों में हड़कंप मचा जिसके बाद जिला अस्पताल में जांच करवाने वालों की भारी भीड़ देखी गई।


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भीड़ अधिक होने से सोशल डिस्टेंसइंग की समस्या अस्पताल परिसर में देखी गई। अस्पताल की व्यवस्था और प्रशासन के आदेश को लेकर व्यापारियों ने नाराजगी दिखाई दी। वहीं आज बाजार में सभी दुकानें खुली वहीं प्रशासन की तरफ से किसी कठोर कार्यवाही की शुरुआत नहीं की गई है।

जिले में संक्रमण की स्थिति गंभीर है

प्रशासन के आदेश का जहां व्यापारी दबी जुवान में विरोध करते रहे वहीं डिंडोरी विधायक ने अस्पताल में पहुंच कर व्यापारियों के पक्ष में प्रशासन के आदेश और व्यवस्थाओं और सवाल खड़े किए। दूसरी तरफ रविवार को छोड़कर पिछले एक सप्ताह में पॉजिटिव केस के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है जिससे जिले भर में हड़कंप की स्थिति है वहीं आज जबलपुर से मिली रिपोर्ट के बाद आंकड़ा कुल 53 हो गया है वहीं इसने कई व्यापारी और उनके परिजन पॉजिटिव पाए गए है।

अधिकतर लोग टेस्टिंग और लॉक डॉ उन की कार्यवाही पर दमोह सहित अन्य चुनावी राज्यो की दलील दे रहे है। पर इस दलील से जिले में कोरोना की स्थिति न बिगड़ने की गारंटी नहीं है यह पूरी तरह मूर्खतापूर्ण तर्क है। डिंडोरी से काफी मरीज अब तक जबलपुर रिफर किए जा चुके है और उनके परिवारों की स्थिति दयनीय बनी है।

कोरोना के पूरे देश और प्रदेश में भयावह होते आंकड़ों के सामने प्रशासन के पास भी कड़ाई करने के अलावा कोई रास्ता संक्रमण को नियंत्रित करने का नहीं है। फिर भी व्यापारियों के दबाव के आगे आज प्रशासनिक कार्यवाही शांत रही। जिन व्यापारियों की कल से आज तक जांच करवाई है और अभी उनकी रिपोर्ट प्राप्त है, यदि इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तब स्थिति बिगड़ सकती है।

कल से बड़ी संख्या में हो रहे व्यापारियों की टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद वास्तविक स्थितियों का खुलासा होगा। आंकड़े बढ़ते है तो जवाबदेही किसकी होगी? आस पड़ोस के जिलों में कल आई रिपोर्ट्स के आंकड़ों में बहुत अधिक उछाल देखा गया है। जाहिर सी बात है जिस तरह कोरोना टेस्ट के लिए व्यवस्थाएं कम है उसी तरह मरीजों के उपचार हेतु भी इंतजामों की व्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती है। आज की स्थिति ने जबलपुर के निजी अस्पतालों में बेडस उपलब्ध नहीं बताए जा रहे है।

आगे व्यापारियों के आक्रोश, प्रशासनिक कदम और आने वाली जांच रिपोर्ट ही तय करेगी क्या जरूरी है और क्या गैरजरूरी, फिलहाल प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से व्यापारियों ने राहत दिखाई दे रही है ।

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