बनते ही उजड़ गई बस्ती विकास मद की सड़क, पंचायत मरम्मत के नाम पर कर रही लीपापोती

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सरपंच ने राजनैतिक दबाव में निर्माण कार्य के भुगतान की बात कही

राजनैतिक मोर्चा के पदाधिकारी को किया गया सामग्री का भुगतान

जनपद टुडे, डिंडोरी, 27 अगस्त 2021, जनपद पंचायत बजाग अंतर्गत ग्राम पंचायत कारोपानी में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत मुख्य मार्ग से धोधी के घर तक सीसी रोड सह नाली निर्माण कार्य लगभग 10 लाख रुपए की लागत से 2019 में स्वीकृत किया गया था। जिसका निर्माण होते ही साल भर के भीतर पूरी सड़क उखड़ गई। शिकायत के बाद सरपंच सचिव के द्वारा अब इस सड़क की मरम्मत के नाम पर लीपापोती की जा रही है।

बताया जाता है कि पूर्व में किया गया सड़क का निर्माण चंद ही दिनों में मिट्टी में तब्दील हो जाने के बाद ग्रामीणों की शिकायतों पर लगभग 9 लाख रुपए की रिकवरी सरपंच सचिव पर तय की गई। रिकवरी से खुद को बचाने अब सरपंच और सचिव के द्वारा बिना किसी शासकीय मद के निजी राशि से बिना किसी सक्षम तकनीकी अधिकारी की देख रेख के 1 से 2 इंच कांक्रीट डाल कर लीपापोती की जा रही है। उक्त सड़क के वेस में दम नहीं है भविष्य में उक्त घटिया निर्माण अधिक समय तक टिके रहने की कोई उम्मीद नहीं है। वर्तमान में पंचायत द्वारा करवाया जा रहा सुधार कार्य भी बिना किसी तकनीकी देखरेख के संपन्न किया जा रहा है।

राजनैतिक दबाव और दहशत के चलते किया था भुगतान

अनसूचित जनजाति बस्ती विकास मद से निर्मित उक्त सड़क के घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देते हुए सरपंच श्रीमती नंदनी पट्टा ने कहां की राजनीतिक दबाव और दहशत के चलते उनके द्वारा सप्लायर को पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया था। उसके द्वारा घटिया निर्माण कार्य किया गया था किन्तु दबाव के चलते भुगतान करना पड़ा और अब वे इसका सुधार कार्य अपनी राशि खर्च करके करवा रही है।

राजनैतिक संरक्षण के लग रहे है आरोप

 

विगत दिनों ग्राम पंचायत की सरपंच ने ग्राम पंचायत भवन में पंचो की उपस्थिति में जानकारी दी कि उक्त घटिया सड़क निर्माण कार्य का सुधार वे अपने खर्च पर करवा रही है। चुकी सरपंच और सचिव के ऊपर 9 लाख रुपयों की रिकवरी निकाली गई है। उक्त कार्य में सामग्री की सप्लाई के एवज में 7,31,500 रुपयों की राशि का भुगतान केजीएन ट्रेडर्स ग्राम हर्रा खरगहना को किया गया है। फर्म के संचालक मो. शरीफ खान बताए जाते है। कार्य के लोकार्पण पट्टिका के अनुसार शरीफ खान असंगठित कामगार कांग्रेस के जिला अध्यक्ष है। उक्त कार्य के लोकार्पण में वे अतिथि की भूमिका में थे, साथ ही निर्माण कार्य में भी उनकी अहम भूमिका रही है। जिसके लिए पंचायत द्वारा उन्हें बड़ी रकम का भुगतान भी किया गया है।

अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास मद के निर्माण कार्यों में जमकर हुए भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण कार्यों को लेकर जहां ग्रामीणों में आक्रोश है और इन कार्यों की शिकायते हो रही है वहीं माफियाओं और राजनैतिक दबाव का दण्ड पंचायत के जिम्मेदारों को भुगतना पड़ रहा है।

इन कार्यों में माफियाओं और बिना GST नंबर की फर्जी फर्मो की भी पड़ताल होनी चाहिए इन कथित कारोबारियों ने पंचायतों से सामग्री के नाम पर लाखों रुपयों के भुगतान तो ले लिए पर उन्होंने सामग्री का कब और कितनी मात्रा में क्रय किया और कितना कर शासन को चुकाया। जानकार बताते है कि ग्राम पंचायतों में अब भी बिना GST पंजीयन की फर्मों द्वारा लाखो रुपए का सामग्री की आपूर्ति की जा रही है और उनको भुगतान भी हो रहा है। जबकि वर्ष 2017 के बाद शासकीय कार्यों में सामग्री की आपूर्ति करने वाली फर्मो के लिए GST का पंजीयन अनिवार्य किया गया था। नियमों की अनदेखी के चलते ग्राम पंचायतों में माफिया हावी है और राजनैतिक दबाव में जमकर भ्रष्टाचार चल रहा है। बस्ती विकास योजना अन्तर्गत माफिया और फर्जी सप्लायरों को भुगतान किए जाने के कई मामले चर्चा में रहे है। वहीं कुछ राजनैतिक संरक्षण प्राप्त लोगों द्वारा सिर्फ इस योजना में सामग्री आपूर्ति के नाम पर पंचायतों से भुगतान लेने की शिकायत पिछले दिनों जनपद पंचायत बजाग के अध्यक्ष द्वारा जिला प्रशासन से की गई थी और जांच कर कार्यवाही की मांग की है थी। माना जा रहा है कि यदि सभी बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच की गई तो कई सफेदपोश लोगों के चेहरे बेनकाब हो जायेगे।

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