शासकीय गोदाम से 20 लाख रुपयों का चना मसूर और चावल गायब 2019 से अब तक नहीं दर्ज हुई FIR

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गोदाम प्रभारी सहित निगम के अधिकारी संदेह के घेरे में

2019 से अब तक नहीं हो पाई बसूली चोरी गए माल की FIR से बच रहा विभाग

 

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 21 सितंबर 2021, जिले में खाद आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत गरीब वर्ग के लोगों को शासन की मंशा अनुसार खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने वाले नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों की मनमानी कार्य प्रणाली व नियमों को ताक पर रख पर रखकर सांठगांठ कर किए जाने वाले घपलों और घोटालों के कई मामले उजागर होते रहे हैं।किंतु अब तक कभी भी कोई निर्णायक कार्यवाही परिवहनकर्ताओं और अधिकारियों के खिलाफ न होने से विभाग में वर्षों से जिले में पदस्थ अमला जमकर भ्रष्टाचार में लिप्त है। जिसका खामियाजा अंततः गरीब वर्ग के उन लोगों को झेलना पड़ता है जो शासकीय योजना अंतर्गत मिलने वाले राशन पर निर्भर हैं।

2019 में गोदाम से लाखों का माल गायब पोल खुलने के डर से विभाग ने नहीं दर्ज करवाई FIR

विगत दिनों मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड डिंडोरी में समनापुर ब्लॉक में खाद्यान्न का परिवहन कार्य कर रहे ट्रक ऑपरेटर जो की विभाग के परिवहन ठेकेदार शाद रोड लाइंस शहडोल के पेटी कांट्रेक्टर के तौर पर परिवहन का कार्य करता है द्वारा जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर उसका भुगतान रोके जाने को लेकर आपत्ति दर्ज करवाते हुए निगम की मनमानी का खुलासा किया गया और बताया गया कि निगम के जिला प्रबंधक से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019-20 में निगम के गोदाम से परिवहनकर्ता द्वारा लगभग 20 लाख रुपए कीमत का गेहूं, चना, चावल, मसूर आदि जो कि सोसायटीओं को भेजा गया था न पहुंचा कर बाजार में बेच दिया गया था उसकी वसूली परिवहनकर्ता वाहन मालिक से की जा रही है। पत्र में निगम के वरिष्ठ सहायक अधिकारी एके मोर्या और तत्कालीन गोदाम प्रभारी तथा वाहन मालिक की मिलीभगत से शासकीय माल को बाजार में बेचे जाने की भी बात भी कही गई है। इस मामले में विभाग द्वारा FIR दर्ज न करवा कर चोरी का शासकीय खाध्यान खरीदने वाले को भी बचाएं जाने की मंशा साफ जाहिर होती है।

विभाग की भूमिका और FIR नही होने पर सवाल??

पूरे प्रकरण में उस वक्त गोदाम के प्रभारी और निगम के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप हैं गोदाम से RO के अनुसार माल लोड कराकर गेट पास जारीकर्ता गोदाम प्रभारी के पास जब तक वाहन मालिक द्वारा पहले के माल की पावती जमा नहीं करवाई गई तब तक दोबारा माल कैसे लोड किया गया? जानकारों के अनुसार पीडीएस परिवहनकर्ता द्वारा जब तक पावती जमा नहीं करवाई जाती तब तक अगला लोड नहीं लादे जाने का नियम है। पावती प्राप्त न होने पर गोदाम प्रभारी द्वारा क्या कार्रवाई की गई? पावती के बिना सोसाइटी में माल न पहुंचने की सूचना विभाग को कैसे मिली? मामले की जांच कर आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की गई? परिवहनकर्ता की नियमानुसार जमा अमानत राशि को राजसात क्यों नहीं किया गया? अमानत राशि जमा नहीं थी तो दोषी अधिकारी और विभाग है।

सूत्र बताते हैं कि परिवहनकर्ताओं से सांठगांठ कर बिना अमानत राशि जमा कराए। वाहनों के वैध कागजात देखे बिना ही निगम के अधिकारी नियम विरुद्ध लाखों रुपया का शासकीय खाद्यान परिवहन कर्ताओं को सौंप देते हैं जो कि जांच का विषय है।

इस मामले में भी ऐसी गड़बड़ियां सामने आ रही है नियम विरुद्ध मनमानी का खुलासा न हो इसके चलते विभाग द्वारा समझौता कर ट्रक मालिक से वसूली की औपचारिकता की जा रही थी और 2019 से अब तक लाखों रुपयों का शासकीय खाद्यान ट्रक मालिक द्वारा बाजार में बेचे जाने की जानकारी विभाग को होने के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने गंभीर गड़बड़ी पर अब तक एफ आई आर दर्ज नहीं करवाई है। न ही लगभग 2 वर्षों में राशि की वसूली विभाग ने की है जो गोदाम प्रभारी और अधिकारियों की मिलीभगत की ओर साफ इशारा करता है।

नियमों को ताक पर रखकर चल रहा है परिवहन कार्य

अधिकारियों और परिवहनकर्ताओं की साठगांठ से जिले की गोदामों से कीमती शासकीय खाद्यान्न का परिवहन नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है खाद्यान्न परिवहन करने वाले वाहनों के दस्तावेज तक विभाग में जमा नहीं किए जाते हैं। अवैध वाहन, बिना टैक्स और बीमा वाले वाहन खुलेआम शासकीय माल का परिवहन कर रहे हैं गोदाम के गेट पास की एंट्री से ऐसे दर्जनों वाहनों की पहचान की जा सकती है। शासकीय खाद्यान्न का परिवहन करने वाले वाहनों में जीपीआरएस सिस्टम का लगा होना अनिवार्य है जो किसी भी वाहन में उपलब्ध नहीं बताया जा रहा है। इस मामले में यह भी खुलासा हुआ है कि डिफाल्टर परिवहन ठेकेदार से विभाग परिवहन का कार्य करवाता रहा जो नियम विरुद्ध है।

सूत्र बताते हैं चोरी का खुलासा तो ऑडिट के दौरान हुआ इसके पहले गोदाम प्रभारी और विभाग के अधिकारी मामले को दबाए ही रहे जबकि गोदाम प्रभारी की वाहन मालिक से पावती प्राप्त न होने पर विभाग को सूचित किया जाना था।विभाग के अधिकारी और गोदाम प्रभारी पर सख्त कार्रवाई जरूरी है अन्यथा जिले के गोदामों में बंदरबांट का यह सिलसिला यूं ही जारी रहेगा जिसका खामियाजा गरीब जनता और शासन को उठाना पड़ेगा। जिले में बड़ी मनमानी यह भी है कि अधिकतर गोदाम वाहन चालकों के हवाले हैं। जिम्मेदार अधिकारी और गोदाम प्रभारी को छोड़कर शासन के स्पष्ट निर्देश के बाद भी जिले के गोदाम वाहन चालकों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। गड़बड़ी की स्थिति में उक्त वाहन चालकों पर जिम्मेदारी तय करना संभव नहीं है।

करे कोई भरे कोई : अधिकारियों की मर्जी से चल रहा निगम

वर्तमान में समनापुर विकासखंड में सार्वजानिक वितरण प्रणाली अंतर्गत सामग्री परिवहन का कार्य कर रहे शाद रोडलाइंस शहडोल के परिवहन कार्य के भुगतान में से राशि की कटौती जिला प्रबंधक द्वारा की जा रही है। जिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं उक्त परिवहनकर्ता का 2019-20 में अमरपुर विकासखंड के खाद्यान्न परिवहन से कोई संबंध नहीं था तब उससे कटौती कैसे की जा रही है? इस पूरे मामले पर तमाम सवालों का जवाब देने वाला कोई व्यक्ति कार्यालय में उपलब्ध नहीं मिला कई बार प्रयास करने पर भी वरिष्ठ सहायक अधिकारी एके मौर्य कार्यालय में नहीं मिले वहीं जिला प्रबंधक के मंडला में होने की जानकारी कर्मचारियों द्वारा दी गई।

गरीबों और सरकार को उठाना पड़ रहा है खामियाजा

नागरिक आपूर्ति निगम वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के अधिकारियों द्वारा आंख मूंदकर गड़बड़ी में भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जाता रहा है इसका खामियाजा गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है। गत वर्ष विपणन संघ की समनापुर गोदाम से लगभग 20 लाख की धान गायब पाई गई थी एक कर्मचारी ने अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्महत्या तक कर ली थी फिर भी व्यवस्थाओं में न तो कोई सुधार हुआ है न ही नियमों का पालन न कोई कार्रवाई। इसी तरह से जुलाई माह में निघोरी भानपुर का एक ट्रक गेहूं अमानत पाया गया जो अपग्रेड किए बिना गोदाम में रख दिया गया। खरीदी केंद्र प्रभारी का साफ कहना है कि उसे अमानक माल की कोई जानकारी नहीं है वहीं माल वापसी के दस्तावेज और कांटा पर्ची गोदाम में उपलब्ध नहीं है। यह घटिया गेहूं जनता को बांटा जाएगा मामले की सूचना प्रशासन को दिए जाने के बाद भी निगम के अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रदेश स्तर से भी कोई कठोर कार्रवाई न होने से वर्षों से जिले के अधिकारियों की माफिया गिरी चक रही है जिसका परिणाम एक ओर गरीब जनता को भुगतना पड़ता है दूसरी ओर शासन को जमकर चूना लगाया जा रहा है।

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