पान के तेल की विदेशो में है बड़ी डिमांड
डिंडोरी – जनपथ टुडे, 23.02.2020
बन सकते हैं लखपति
नीमच आईआईटी खड़कपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले मनासा विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनिरुद्ध माधव मारू पान से तेल निकालने की तकनीक लेकर आए। 1 साल तक घरेलू स्तर पर पान से तेल भी निकाला, लेकिन फिर समय ना दे पाने से उन्होंने काम बंद कर दिया। बकौल माधव मारू पान के एक पत्ते में 0.02 प्रतिशत तेल होता हैं। इसका तेल अस्थमा, जोड़ों की समस्या, मसल्स में लाभकारी होता है। मैंने 1 लीटर तेल जांच के दुबई भेजा तो वहां से थोक ऑर्डर आया। चूंकि मेरा घरेलू प्रोजेक्ट था। मांग अनुसार पूर्ति नहीं कर सकता था। इस बीच चुनाव आ गए तो प्रोजेक्ट अटक गया।
मारू ने बताया कि मात्र ₹600000 की लागत मैं पान के पत्ते से तेल निकालने का प्रोजेक्ट तैयार होता हैं। भारत में 45,000 रुपए किलो और विदेश में ₹100000 किलो की दर पर बिकता हैं।
मारू ने बताया पान की खेती में एक बार खर्चा होता है। इसके बाद लागत कम और आमदनी बेहतर होती हैं। 1000 वर्ग मीटर के पाली हाउस में पान की खेती कर रखी है। खेती जैविक पद्धति से होती है। पान की कलम कोलकाता से विशेष रुप से मंगाई थी। शुद्ध पान का पत्ता इतना स्वादिष्ट होता हैं कि इसे बिना मसाला मिलाए बिना लगते हैं। क्षेत्र में इस तरह का पत्ता उपलब्ध नहीं है। पान की खेती की विशेषता यह है कि दो – ढाई महीने भी बेल पर लगा रहने पर भी खराब नहीं होता। शादी-ब्याह के सीजन में अधिक मांग रहती है, तब आमदनी भी भरपूर होती हैं।