“जल जीवन मिशन” के कार्याें में देरी होने पर पेनाल्टी वसूली जाए: कलेक्टर
जल जीवन मिशन योजना की समीक्षा बैठक संपन्न
जनपथ टुडे, डिंडौरी, 13 जनवरी 2022, कलेक्टर रत्नाकर झा ने जल जीवन मिशन के कार्याें में विलंब करने वाली कार्य एजेंसियों से पेनाल्टी वसूलने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी कार्य एजेंसियों को जल जीवन मिशन के कार्याें को गुणवत्तापूर्वक समय-सीमा में पूरा करना होगा। सहायक यंत्री और उपयंत्री नियमित रूप से जल जीवन मिशन के कार्याें की माॅनीटरिंग कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। जिससे उक्त कार्य में विलंब करने वालों से पेनाल्टी की वसूली की जा सके। कलेक्टर ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जल जीवन मिशन अंतर्गत प्रगतिरत निर्माण कार्याें की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर प्रभारी कार्यपालन यंत्री पीएचई कुसरे, सहायक यंत्री पीएचई शिवम सिन्हा सहित उपयंत्री एवं ठेकेदार मौजूद थे।
कलेक्टर रत्नाकर झा ने कहा कि जल जीवन मिशन के कार्याें में विलंब होने पर पेनाल्टी की वसूली नहीं करने वाले सहायक यंत्री और उपयंत्री के वेतन से उक्त राशि की वसूली की जाए। जल जीवन मिशन के कार्याें में लगातार लापरवाही बरतने वाली कार्य एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट किया जाए। कलेक्टर ने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत सभी स्कूलों, आंगनबाडी केन्द्र और शासकीय भवनों को जोड़ा जाए। कोई भी शासकीय कार्यालय इस योजना से वंचित नहीं रहना चाहिए। सहायक यंत्री एवं उपयंत्री यह सुनिश्चित करें कि इस योजना से ग्राम पंचायतों के कोई भी घर नहीं छूटना चाहिए। उन्होंने जल जीवन मिशन को संचालित करने के लिए पानी के पुख्ता स्त्रोत खोजने के निर्देश दिए। जिससे भीषण गर्मी में भी पेयजल की समस्या न रहे। कलेक्टर झा ने वन क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के कार्यों को वन विभाग से समन्वय कर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी कार्य एजेंसियों को उनकी डीपीआर के अनुसार जल-जीवन मिशन से गांवों और बसाहटों को जोड़ने को कहा।
जल जीवन मिशन में गड़बड़झाला
जिले में जल जीवन मिशन अन्तर्गत चल रहे कार्यों में जमकर मनमानी चल रही है। जिला प्रशासन द्वारा समय पर कार्य नहीं करने वाले ठेकेदारों से पेनाल्टी वसूली और ब्लैक लिस्टेड किए जाने के निर्देश के बाद इन कार्यों को आंननफानन में तेजी से अंजाम दिया जावेगा विभागीय अमले द्वारा इन कार्यों की पूरी तरह निगरानी नहीं की जाती जिससे ठेकेदार मनमानी और लापरवाही कर रहे है। कम दर पर काम लेने वाले ठेकेदारों द्वारा पाईप लाइन निर्धारित से आधी गहराई पर डाले जाने की जानकारी अधिकांश जगहों से प्राप्त हो रही है, जिसके चलते केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी जल जीवन मिशन योजना अन्तर्गत कराए जा रहे कार्यों का जिले में अधिक समय तक बचे रहना कम संभव लगता है। ठेकेदारों द्वारा निर्धारित से कम गहराई में पाईप लाइन बिछाए जाने के बाद भी विभाग के अधिकारियों की साठगांठ के चलते उन्हें भुगतान पूरा किया जा रहा है। इसकी जांच करवा कर अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से हो रहे घटिया कार्य और शासन को चूना लगाए जाने का बड़ा खुलासा हो सकता है। इसी तरह शासकीय भवनों में बनाए जा रहे “सिंक” मनमाने ढंग से कहीं भी बनाए जा रहे है वहीं विभाग द्वारा इन ठेकेदारों को मनमाना भुगतान भी किया जा रहा है जबकि अधिकांश स्थानों पर इनमें पानी की आपूर्ति की व्यवस्था नहीं की गई है जिससे करोड़ों रुपए की लागत से होने वाले यह निर्माण कार्य औचित्यहीन है किन्तु विभाग द्वारा अपूर्ण कार्यों के लंबे चौड़े भुगतान किए जा रहे है।