टोकन के नाम पर हितग्राहियों से सौ सौ रुपये की अवैध उगाही

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मामला जनपद पंचायत मेहदवानी का

जनपथ टुडे, डिंडौरी, 28 जनवरी 2022, एक ओर जहां सरकार गरीब मजदूरों को हर सम्भव सहायता और मदद करने रोज नई नई योजना बना कर गरीबों की स्थिति मजबूत करने में जुटी है। वही पंचायतकर्मी राशन कार्ड टोकन और खाद कार्ड बनाकर दिए जाने पर सौ सौ रुपए के वसूली कर रहे हैं। ताजा मामला जनपद पंचायत मेहंदवानी की ग्राम पंचायत डोकरघाट का है, जहां गाँव वालों के मुताबिक सचिव व पंचायतकर्मी राशन कार्ड टोकन हितग्राहियों को 100 रुपये लेकर देता है। खाद कार्ड बनाने के लिए भी 100 रुपये फिर कार्ड बन जाने के बाद कार्ड देते समय फिर से हितग्राहियों से 100 रुपये लिए जा रहे हैं।

जब सचिव साहब से इसकी जानकारी चाही गई तो कैमरे में फोटोकॉपी का खर्च बता रहे है। हमारे प्रतिनिधि ने पंचायत सचिव से जब मामले की जानकारी ली तो उनका कहना है कि उनके द्वारा वसूली नहीं की गई है जबकि हितग्राही वसूली कि बात कह रहे है।

जबकी पंचायत के भुगतान बिल पर कई बार फोटोकॉपी और पेपर के नाम पर बिल लगाकर पैसे आहरण किए गए है। फिर पैसे की मांग हितग्राहियों से क्यों की जाती है? बड़ा सवाल है।

सरकार ने प्रदेश के सभी पंचायतों में LED, कम्प्यूटर जरूरत पड़ने पर फोटोकापी मशीन उपलब्ध करा रखी है। जिससे हमारा देश डिजिटल इंडिया बन सके फिर फोटोकॉपी नेट खर्चा के नाम पर गरीब आदिवासियों को लूटने का काम क्यों? टोकन और खाद का कार्ड बनाने के लिए यदि शासन ने शुल्क निर्धारित किया है तो पंचायत उसकी रशीद दे हितग्राहियों को।

छाती ठोक कर गरीबों से लूट

ग्राम पंचायतों में हितग्राहियों से छाती ठोक कर लूट की जा रही है जिसकी वजह जनपद और जिले की अंधी और गूंगी कार्यप्रणाली है। ऐसे तमाम मामले प्रकाश में आने के बाद भी दोषियों पर कार्यवाही की बजाय उन्हें संरक्षण दिया जाता है, आम और गरीब ग्रामीणों की आवाज चंद रुपयों की रिश्वत लेकर दबा दी जाती है जो भ्रष्ट हो चुकी अफसरशाही की खोखली पहचान है।

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