कुकर्रामठ : मंदिर को अतिक्रमण मुक्त कराने जनसुनवाई में पहुंचे सन्यासी

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शासकीय जमीन पर लगे पेड़ों को काटने की कोशिश जारी

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 5 अप्रैल 2022, श्रीकृष्ण चैतन्य बाबाजी गोमती नदी सन्यासी आश्रम कुकर्रा मठ आश्रम के आसपास अतिक्रमण करने और श्रद्धालुओं की परेशान किए जाने वाले नामजद शिकायत जनसुनवाई के दौरान कर कार्यवाही की मांग की है।

सन्यासी द्वारा दिए गए आवेदन के अनुसार कुकर्राठ से पिंडरूखी पहुंच मार्ग से लगा, नदी के पास मां नर्मदा परिक्रमावासीयों के लिये आश्रम बनाया गया है। जहा पर सदावृत वितरण किया जाता है। इस मंदिर के पीछे एवं पूर्व पश्चिम की ओर शमशान की शासकीय भूमि पर विशनू पिता बाबूलाल के द्वारा खुदाई करके खेत बना लिया है। जहा पर खुदाई किए जाने से पानी रुकता है और आश्रम में पानी भर जाता है जिससे मां नर्मदा परिक्रमावासीयों के लिए सोने तक की जगह आश्रम में नहीं रह जाती है। मना करने पर उसके द्वारा गाली गलौच एवं कुल्हाणी लेकर मारने को दौड़ता है। साथ ही परिक्रमावासीयों से भी अभद्रता और गाली गलौच करता रहता है।

विशनू पिता बाबूलाल ग्राम मंडियारास के रहने वाले है। कुकर्रामठ में आकर नदी से लगे मरघट प्लाट को बलपूर्वक खोदकर कब्जा कर लिया है। साथ ही आश्रम के तीनो तरफ अतिक्रमण कर लिया है। दिनांक 02/04/2022 को समय 11:00 बजे आया और मुझे कहने लगा की जो वृक्ष लगे है उसे काटना है अपने लाईट के तार को हटा लो तब मै बोला की वृक्ष शासकीय भूमि में लगे है उसे नहीं काटना है। इस बात को लेकर गंदी गंदी गाली दे रहे थे, आश्रम पर मां नर्मदा परिक्रमावासी माता एवं पुरुष आश्रम में रूके हुये थे उन्हें उनकी गाली पर बहुत बुरा लग रहा था। मुझे कह रहा है की अगर मंदिर एवं आश्रम को तोड़ कर यहां से नहीं भागेगा तो मैं तुझे कभी भी जान से मार डालूगा। हम लोगो के लिये मरघट भूमि जोतने का शासन से परमीशन मिला है।

यह कि आश्रम पर देश विदेशों से ऋणमुक्तेश्वर (भगवान भोले नाथ ) के दर्शन करने लोग आते हैं। आश्रम में भोजन एवं रात्रि विश्राम भी करते हैं। अतः आश्रम के चारों तरफ के अतिक्रमण को हटवाया जावे, जिससे साधू संतो के लिए शांतिपूर्ण रूकने की व्यवस्था हो सके साथ ही असामाजिक तत्व के विरूद्ध उचित कार्यवाही की जावे।

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