लटेरी कांड: वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर दर्ज हुए अपराधिक प्रकरण का जताया विरोध

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डीएफओ के सामने किए शस्त्र जमा

जिले भर से आए रेंजर, डिप्टी रेंजर और वन रक्षकों DFO साहिल गर्ग को ज्ञापन सौंपा 

10 रेंज के 22 हथियार जमा

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 16 अगस्त 2022,वन मंडल विदिशा अंतर्गत वन परिक्षेत्र लटेरी मामले में वनकर्मियों पर बिना जांच प्रकरण दर्ज किए जाने के विरोध में मंगलवार को जिले के सामान्य वन मंडल के दस वन परिक्षेत्र के मैदानी अधिकारीयों और कर्मचारियों ने अपने 22 सरकारी शस्त्र पुलिस थानों में जमा कर दिए। इस दौरान दस रेंज के रेंजर से लेकर वनरक्षक सामान्य वन मंडल कार्यालय पहुंचे और वनमण्डल अधिकारी को पत्र भी सौपा, जिसमें उल्लेख किया गया कि दिन-प्रतिदिन वनविभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर प्राणघातक हमले हो रहे हैं और वन अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करने पर वन अमले को ही दोषी ठहराया जा रहा है। सरकार के इस दोहरे रवैये पर स्टेट फारेस्ट रेंज आफीसर्स (राजपत्रित) और MP वन कर्मचारी संगठन ने कड़ा एतराज जताया है और वन अमले ने विभागीय तौर पर आवंटित शस्त्र बन्दूक एवं कारतूस मंगलवार को वनमण्डल अधिकारी के समक्ष जमा कर दिए हैं। इस दौरान रेंजर पुष्पा सिंह, प्राची मिश्रा, भाग्यशाली सिंह, सुदीप मिश्रा सहित सभी कर्मचारी मौजूद थे।

गौरतलब है कि विदिशा जिले के लटेरी रेंज में वन विभाग की टीम के साथ रात्रि गस्ती के दौरान सागौन की सिल्ली तस्करों से मुठभेड़ हो गई थी। मुठभेड़ में हुये फायर में एक व्यक्ति की मौके पर मौत हो गई थी जबकि तीन लोग घायल हो गए थे। जिसके बाद इस मामले में प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया था और कार्यवाई के दौरान ही विदिशा DFO राजवीर सिंह का स्थानांतरण कर दिया गया था, साथ ही बगैर न्यायिक जांच कराये ही वन कर्मचारियों को निलंबित कर इनके विरुद्ध धारा 302, 307 और 34 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था। फायरिंग में मृत चैन सिंह के परिवार और घायलों ने वनकर्मियों पर जानबूझ गोली चलाने का आरोप लगाया था। वहीं इस घटना को लेकर वन कर्मियों का कहना था कि सागौन लकड़ी तस्कर गिरोह जंगल से लकड़ी काटकर ले जा रहे थे, रोकने पर तस्करों ने वन अमले पर पत्थरों से हमला कर दिया था और आत्मरक्षा के लिए गोली चलाई गई थी।लेकिन सरकार ने वन अमले की दलील को नकार दिया था और वन कर्मचारियों के विरुद्ध ही कार्रवाई कर दी थी।जिससे आहत जिले के दस रेंज में कार्यरत वन अमले ने विरोध स्वरूप अपने 22 नग शस्त्र और कारतूस विभाग को बापस कर दिये हैं।इसके पूर्व प्रदेश के 16 वनवृत्तो के कर्मचारियों ने 15 अगस्त के मौके पर प्रशस्ति पत्र का बहिष्कार किया था और मंगलवार को सभी ने शस्त्रों को जमा कर के विरोध जताया है।

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