चारागाह बन चुके शिक्षा विभाग में घोटालों के खिलाफ छात्र आंदोलन कल

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जिले में छात्रों के हितों के लिए आगे आए जिला पंचायत अध्यक्ष पहले नेता

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 17 जनवरी 23, शिक्षा विभाग में लगातार जारी भ्रष्टाचार की चर्चाओं के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने पिछले दिनों जिला कलेक्टर से छात्रवृत्ति घोटाले, छात्रावासो की मरम्मत में हुए करोड़ों रुपयों के घोटाले, स्मार्ट क्लास और कम्प्यूटर ऑपरेटर भरती में हुए घोटालों की जांच कराने और दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की थी। साथ ही कार्यवाही नहीं होने पर जिला मुख्यालय में छात्रों के द्वारा बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी गई थी। जिला पंचायत अध्यक्ष की मांग और काफी समय से मीडिया द्वारा इन मामलों को सार्वजनिक किए जाने के बाद भी प्रशासन मौन है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक इन मामलों पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस संबंध में अब तक जिला प्रशासन द्वारा किसी तरह की कार्यवाही किए जाने की कोई अधिकृत जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की है। जिससे प्रतीत होता है कि राजनैतिक दबाव में शिक्षा विभाग में चल रही गड़बड़ियों को दबाने का प्रयास हो रहा है, जिसके विरोध ने रुदेश परस्ते के नेतृत्व में मंगलवार को जिला मुख्यालय में छात्र धरना, प्रदर्शन और कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे।

आंदोलन में कितने छात्र शामिल होंगे और प्रदर्शनकारियों से निपटने प्रशासन की क्या तैयारियां है यह तो मंगलवार को ही पता चलेगा। किन्तु यह जिले में छात्रों के हित में सामूहिक रूप से होने वाला पहला विरोध प्रदर्शन और आंदोलन होगा। अब तक कभी भी जिले के जनप्रतिनिधियों ने जिले के छात्रों के हित में किसी बड़े मंच से आवाज उठाई है न ही छात्रों ने सामूहिक तौर पर कभी विभाग की गड़बड़ियों और अव्यवस्थाओ के विरुद्ध एकजुट होने का प्रयास किया है। उक्त सभी मामलों को मीडिया पिछले लंबे समय से उठाता रहा है और इनकी जांच करवाने और कार्यवाही के लिए स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री से भी कई बार चर्चा की गई किन्तु उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया न आदिवासी छात्रों के हित में उन्होंने कोई प्रयास नहीं किया। वहीं इन मुद्दों पर जिले के चुने हुए दोनों विधायक भी अब तक चुप्पी साधे हुए है, इसकी वजह साफ नहीं है। किन्तु जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते घोटालों पर कार्यवाही तथा छात्र में अन्य मांगों को लेकर छात्रहित में होने वाले जिले के पहले आंदोलन का नेतृत्व कर रहे है और उन्हें उम्मीद है कि आदिवासी छात्रों के शोषण, स्कूल व छात्रावासों में व्याप्त अव्यवस्थाओ के विरूद्ध बड़ी संख्या में जिले भर के छात्र मंगलवार को होने वाले विरोध प्रदर्शन ने शामिल होंकर आदिवासी क्षेत्र में छात्रों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाएगे। उन्होंने सभी छात्रों से छात्र हित में आगे आने की अपील की गई ताकि छात्रों को उनका हक मिल सके।

गौरतलब है कि आदिवासी जिले में छात्रों की शिक्षा के लिए विशेष सुविधाएं शासन द्वारा दी जा रही है जिसके लिए आबंटित शासकीय राशि का वर्षों से खुला बंदरबांट और भ्रष्टाचार होता रहा है। स्कूलों और छात्रावासों की स्थितियां बदतर है छात्रों का शोषण हो रहा है तब भी जिले के जनप्रतिनिधियों ने अब तक कभी कोई आवाज नहीं उठाई। आमजन का आरोप है की शिक्षा विभाग को अधिकारियों ने चारागाह बना लिया गया है उन्हें जनप्रतिनिधियों का संरक्षण मिलता रहा है। भ्रष्टाचार के चलते आदिवासी छात्र और छात्राओं का शोषण हो रहा है जनप्रतिनिधियों की लगातार खामोशी के चलते अब छात्रों को खुद सड़क पर उतरकर विरोध और आंदोलन करना होगा। समय रहते प्रशासन द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं किए जाने से जिले के छात्र आंदोलन के लिए मजबूर हो रहे है। मीडिया द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर भी प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की है, ऐसे में अब जिले के छात्र कल पहली बार जिला मुख्यालय की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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