अमृत सरोवर योजना के तहत बने सरोवर से रिस रहा पानी
सरोवर निर्माण का भृष्टाचार छुपाने अपनाई जा रही जुगाड तकनीक
भृष्टाचार चरम पर जनप्रतिनिधि और प्रशासन मौन??
मापदंडों को चुनौती दे रहे उपयंत्री और सहायकयंत्री
जनपथ टुडे, डिंडौरी, 14 जुलाई 2023, जिले के अमरपुर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों समेत अन्य कार्यों में गड़बड़ी के मामले आए दिन सामने आ रहे है। तब भी वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा इन निर्माण कार्यों में की गई धांधली को रोकने हेतु कोई ठोस कदम नही उठाया जा रहा है। जिसके चलते ग्राम पंचायतों में कराए जा रहे निर्माण कार्य भृष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रही है। ग्राम पंचायतों में इन दिनों अमृत सरोवर योजना के तहत जगह – जगह लाखों रुपयों की लागत से तालाब/ सरोवर निर्माण कराए गए है। किंतु अधिकारियों की मिलीभगत से मापदंड को दरकिनार करते हुए इनका निर्माण गुणवत्ताविहीन हुआ है जिनकी पोल अब खुलने लगी है, ऐसा ही ताजा मामला अमरपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बरसिंघा का सामने आया है। जहाॅ पर जल संग्रहण करने के उद्देश्य से बरसिंघा में मुख्यमार्ग के किनारे लाखों रुपयों की लागत से अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब निर्माण कराया गया है। जिससे पहली ही बरसात में पानी का रिसाव होता दिखने लगा है। निर्माण के समय पडल पर रोलर नहीं चलाए जाने के आरोप भी लग रहे थे किन्तु ग्रामीणों और मीडिया के आरोपों को जिला प्रशासन सिरे से नकारता रहा जिससे निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को संरक्षण मिलने के चलते कोई कार्यवाही नहीं की गई और संबंधित विभाग मनमाना कार्य करता रहा। और अब…
गड़बड़ियों को छुपाने अपनाई जा रही तरह – तरह के तकनीक
बरसिंघा में कराये गए तालाब निर्माण के निचले हिस्से से तेजी से पानी रिसाव हो रहा है। बताया गया कि कुछ दिन पहले हुई तेज बारिश ने जिम्मेदारों के द्वारा कराए गए तालाब निर्माण कार्य की पोल खोल कर रख दी, जिससे जगह – जगह पानी तेज गति से बहने लगा है। वहीं तालाब के निचले हिस्सा में हो रहे पानी के रिसाव को रोकने के लिए मजदूरों से बोल्डर डालकर दबवाया गया साथ ही मेढ़ में पड़ रही दरारों में उपर से मिटटी डलवाकर लकड़ी से कुटाई करवाई गई। ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण ऐजेंसी के द्वारा भृष्टाचार को छुपाने के लिए तमाम प्रकार की तकनीक अपनाई जा रही है, ताकि निर्माण कार्य में की गई गड़बड़ीयों को छुपाया जा सके, किंतु तब भी तालाब निर्माण में हुआ भृष्टाचार नही छुप पा रहा है। यह अलग बात है कि जिले के जिम्मेदार इन घटिया निर्माणों की ख़बरों पर न कोई संज्ञान ले रहे है और न कोई जांच और कार्यवाही की जा रही है। निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार कर नीचे से ऊपर तक बंदरबांट होने की चर्चा इस स्थिति में प्रमाणित होती प्रतीत होती है।
यह भी बताया गया कि तालाब से हो रही पानी लीकेज को देखते हुए जिम्मेदारों के द्वारा आनन – फानन में बोल्डर डालकर दबवाया गया किंतु पानी रिसाव होने से नही रोक पा रहे है। बताया गया कि निर्माण कार्य के दौरान नींव को मजबूत नही बनाये जाने एवं सही ढंग से ब्राईब्रेटर नही चलाने के कारण पानी लीकेज हो रहा है। आखिर पानी का रिसाव क्यों हो रहा है और कार्य पूर्णता के बाद भी मरम्मत का कार्य क्यो करवाया जा रहा है? संरचना की लागत, मद, योजना आदि आवश्यक सूचना जो शासन के निर्देशानुसार कार्यस्थल पर सार्वजनिक की जानी चाहिए वे भी नदारत है और जिम्मेदार निर्माण एजेंसी के जिम्मेदार कोई जवाब भी नहीं दे रहे है, कुल मिलाकर सब संरक्षणशुदा गोलमाल है।
उपयंत्री के विरूध्द कड़ी कार्रवाई की दरकार
जिस तरह अमृत सरोवर योजना के तहत कराये जा रहे तालाब निर्माण कार्य में लगातार अनिमित्ताएं सामने आ रहीं है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि संबंधित उपयंत्री के द्वारा उक्त तालाब के गुणवत्तापूर्ण निर्माण कराने गम्भीरता नहीं बरती गई। जबकि उपयंत्री एवं सहायक यंत्री को निर्माण कार्य की लगातार माॅनरिटिंग करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए गए है। किंतु मापदंड को दरकिनार करते हुए स्वयं को आर्थिक लाभ पहुॅचाने के चलते गुणवत्ताविहीन निर्माण कराया जाना प्रतीत होता है। जून अधिकारियों द्वारा दायित्वों को बेहतर तरीके से निर्वहन नही किया जा रहा है उनके विरूद्ध जिला प्रशासन से कठोर कार्यवाही की जनापेक्षा की जाती है।
निर्माण स्थल में नही लगाया गया सूचना पटल
ग्राम पंचायत बरसिंघा में मुख्य मार्ग के किनारे लाखो रू की लागत से तालाब निर्माण कराया जा रहा है,किंतु निर्माण स्थल में सूचना पटल नही लगाया गया है। जबकि कोई भी निर्माण कार्य प्रारंभ कराने से पहले निर्माण स्थल में सूचना पटल लगाना अनिवार्य है। किंतु जिम्मेदारों के द्वारा शासन के दिशा निर्देशों की पूरी तरह से धज्जियां उड़ाई जा रही रहे है। निर्माण स्थल में सूचना पटल नही लगाने के कारण ग्राम के आमजनों समेत अन्य लोंगो को उक्त तालाब की लागत एवं मद समेत अन्य जानकारी नही मिल पा रही है। गौरतलब है कि उपयत्री मुन्नालाल जाधव को पूर्व में भी सूचना बोर्ड न लगाए जाने के चलते जनपद पंचायत द्वारा नोटिस जारी किया जा चुका है तब भी उनकी मनमानी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं आया ऐसे में उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की आवश्यकता जरूरी जान पड़ती है। आमजन शासकीय धन की इस तरह से खेली जा रही खुलेआम होली पर जिला प्रशासन की कार्यवाही क्या होगी इसका इंतजार कर रही है।