उमरिया पहुंचे गोगपा के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

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घटना की जांच कर निर्दोष लोगों को छोड़ने की मांग की

जनपथ टुडे, 3 अक्टूबर 2023, विगत दिनों हुए उमरिया कांड जिसमें लगभग 40 आंदोलनकारियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा जनजाति मंत्री मीना सिंह के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच की मांग की जा रही थी, धरना के दौरान पुलिस द्वारा कुछ नेताओं से मारपीट के बाद तनाव की स्थिति निर्मित हो गई और आक्रोशित जनसमुदाय ने पुलिस पर पथराव कर दिया। जिसके बाद स्थिति अनियंत्रित हो गई। उक्त घटनाक्रम के बाद से जिले का आदिवासी समाज आक्रोशित है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने मंगलवार को उमरिया जिला कलेक्टर बुध्देश कुमार वैद्य से मिलकर घटना की जानकारी ली और जेल में गिरफ्तार पार्टी नेताओं से भी मुलाकात की। कलेक्टर उमरिया ने जनजाति मंत्री के ऊपर लगाए जा रहे आरोपों की जांच करवाने के साथ पार्टी नेताओं द्वारा घटना को लेकर की जा रही मांग शासन को पहुंचाने का आश्वासन दिया है। जिला कलेक्टर और गोगपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण चर्चा हुई।

उमरिया कांड में आरोपी बनाये गये कार्यकत्ताओं की बिना शर्त रिहाई एवं दर्ज प्रकरण वापस लिये जाने हेतु मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर उमरिया को गोगपा प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोरते, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इरफान मंत्री ने ज्ञापन सौंपा जिसमें कहा गया है कि – 26 सितम्बर 2023 को जिला मुख्यालय उमरिया में जब अपने लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करते हुए गोडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा भ्रष्टाचार की जाँच की मांग करते हुए धरना कार्यक्रम कर रही थी, जिसमें प्रदेश प्रवक्ता श्री राधेश्याम काकोडिया और पार्टी के पदाधिकारी सदस्यगण शांतिपूर्ण आन्दोलन कर रहे थे तब धरने में घुसकर पार्टी कार्यकत्ताओं के साथ पुलिस द्वारा की गई बर्बरतापूर्वक कार्यवाही लाठी चार्ज, अश्रु गैस, वाटर कैनन कर मारपीट की गई। जिसके बाद आक्रोशित कार्यकत्ताओं द्वारा आत्मरक्षा अपने बचाव में पथराव किया गया. घटना के बाद श्री राधेश्याम काकोडिया सहित लगभग 40 कार्यकत्ताओं को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर गंभीर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जेल भेज दिया गया, और अन्य ग्रामीणों पर भी कार्यवाही की तैयारी की जा रही है, और उन्हें आतंकित करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है जिसके कारण लाठीचार्ज से आहत हुए लोग डर के मारे अपना इलाज भी नहीं करा पा रहे है। तथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकत्ताओं पर अनावश्यक दबाव बनाने के प्रयास किये जा रहें है। जिसका गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पुरजोर विरोध करती है और अपने लोकतांत्रिक तथा संवेधानिक अधिकारों का हनन मानती है। पार्टी के नेताओं और कार्यकत्ताओं पर दर्ज मामले फर्जी है गरीब आदिवासियों को जेल भेजा गया है और अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। गोडवाना गणतंत्र पार्टी मांग करती है कि मामले की निष्पक्ष जाँच करवाकर गडबडियों की जांच करवाकर कार्यवाही की जायें। घटना के संबंध में गिरफ्तार गरीब आदिवासियों को तत्काल रिहा किया जावे तौर पर दर्ज मामलों को वापस किया जावें एवं लाठीचार्ज से आहतों को 50-50 हजार रू. की सहायता राशि दी जायें।

गरीब आदिवासियों की आवाज दबाने के प्रयास बंद किया जावे, यदि सात दिवस में पार्टी के गिरफ्तार कार्यकत्ताओं को बिना शर्त रिहा नहीं किया गया तो पार्टी के द्वारा प्रदेश भर में आन्दोलन किया जावेगा, उमरिया में व्यापक स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जावेगा जेल भरो आंदोलन किया जावेगा। प्रदेश भर के कार्यकर्त्ता उमरिया पहुँच कर प्रदर्शन करेंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और शासन की होगी।

गौरतलब है कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के द्वारा जनजाति विभाग की मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर काफी समय से आंदोलन चल रहा था किन्तु प्रशासन द्वारा ज्ञापन दिए जाने पर भी कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से पार्टी ने उमरिया ने प्रदर्शन किया। किन्तु राजनैतिक दबाव और प्रशासन के द्वारा गलत निर्णय लिए जाने से स्थिति बिगड़ गई। वहीं आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस द्वारा लगभग 40 लोगों को गिरफ्तार कर कई धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। अन्य लोगों पर भी पुलिस द्वारा दबाव बनाने की जानकारी मिल रही है। गोगपा द्वारा गिरफ्तार लोगों की रिहाई हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे है, इस संबंध में आज जिला प्रशासन से मिलकर पूरे घटनाक्रम पर चर्चा के बाद पार्टी आगे की कार्यवाही का निर्णय लेगी। उमरिया में हुई घटना के बाद पूरे प्रदेश का आदिवासी समाज सरकार के खिलाफ आक्रोशित है। प्रशासन द्वारा घटना को लेकर जनता के आक्रोशित होने और केवल मारपीट की जानकारी देकर उन्हें अराजक बताने का प्रयास किया जा रहा है और पुलिस द्वारा की गई मारपीट को छिपाया जा रहा है गोगपा नेताओं ने आदिवासियों को बदनाम किए जाने को लेकर आक्रोश है और अब पार्टी इसके खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय करेगी और प्रदेश ने हो रहे गरीब आदिवासियों के दमन के खिलाफ आदिवासियों को एकजुट किया जाएगा।

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