54 लाख की लागत से बने तालाब में गर्मी से पहले एक बूंद पानी नहीं

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निरीक्षण और निर्माण की गुणवत्ता में लापरवाही

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 29 फरवरी 2024, अमृत सरोवर योजना के नाम पर सरकार ने जल संरक्षण हेतु निर्माण कार्यों पर पानी की तरह पैसा बहाया किंतु अंधी कमाई के पीछे भाग रही शासकीय निर्माण एजेंसी के भ्रष्ट अफसरों के कारनामों के चलते इन सरोवर और तालाबों में गर्मियों के आने से पहले एक बूंद पानी नहीं दिख रहा है। बजाग जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत विक्रमपुर में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग और जनपद पंचायत के अमले की देखरेख में 54 लाख 23 हजार रुपए की लागत से बनाए गए अमृत सरोवर तालाब में बूंद भर पानी है, जिससे स्थानीय लोगों में भारी निराशा है और ग्रामीण आदिवासी जिले में इस तरह खुले आम हो रहे भ्रष्टाचार और प्रसासनिक संरक्षण को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे है। ये अलग बात है कि जिले के गरीब और आदिवासियों की कोई सुनने वाला नहीं है प्रशासन भ्रष्ट अमले के बचाव में ही खड़ा नजर आता है। उक्त तालाब में एक बूंद पानी नहीं है और जनता पानी के लिए परेशान हो रही है। ऐसे ही हालात जिले के अनेको स्थान पर देखने को मिलते है और जब परेशान आमजन अपनी आवाज उठाने सड़को पर उतर आते है तब प्रशासन द्वारा उसे दबाने के लिए बलपूर्वक कार्यवाही की जाती है लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाए जाते है। जबकि शासन के करोड़ों रुपए खर्च करके भी तालाब में एक बूंद पानी नहीं रुक पा रहा है और ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है तब भी इस तरह के गुणवत्ताहीन निर्माणों पर प्रशासन दोषी, लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं करता जिससे भ्रष्ट अमले को संरक्षण मिलता है और यही वजह है की जिले में अमृत सरोवर योजना अंतर्गत हुए निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है, कई करोड़ रुपए के गुणवत्ता निर्माण कार्यों का लाभ जनता को न के बराबर मिल पा रहा है।

गौरतलब है की योजना अंतर्गत अधिकांश कार्य अघोषित तौर पर ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे है जो अधिक कमाई के चलते, नियम निर्देशों की अवहेलना करते हुए मनमाने तरीके से निर्माण कार्य को अंजाम दे रहे है और गुणवत्ताहीन निर्माण किए जा रहे है। गर्मी के पहले सूखे पड़े इस तालाब को लेकर संबंधित उपयंत्री और ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा फोन नहीं उठाया गया वही कार्य से संबंधित एसडीओ श्री तिलगांम का कहना है उस स्थान का स्टेटा ऐसा है की पानी सुख गया है आगामी वर्षों में पानी रुकने की वे संभावना जरूर बताते है। जबकि ग्रामीणों का कहना है की ठेकेदार द्वारा मशीनों से किए गए इस निर्माण कार्य में मेड़ों की ठीक ढंग से रोलिंग नही की गई है वही निर्माण एजेंसी द्वारा उचित स्थल चयन नहीं किया गया है। गर्मियों के पहले ही तालाब का पूरा पानी की वजह तालाब निर्माण में गुणवत्ता की कमी है जिसका कभी कोई निरीक्षण अधिकारियो द्वारा नहीं किया गया और अब बहानेबाजी की जा रही है।

 

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