प्रशासन के आदेश के बाद भी चालू है जिला मुख्यालय की शिक्षा की कथित दुकानें

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जानबूझ कर स्कूल खोल प्रशासन को दे रहे है चुनौती

प्रशासन के आदेश का उड़ रहा मजाक

इन स्कूलों की मान्यता रद्द की जानी चाहिए

जनपद टुडे, डिंडोरी, मार्च 19 2020, जिला मुख्यालय के निजी स्कूलों द्वारा सरकार के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्याप्त कोरोना वायरस के विस्तार का संकट अभी टला नहीं है और पूरे विश्व में इसके खिलाफ गंभीरता से लड़ाई लड़ी जा रही है। देश और प्रदेश की सरकार किसी भी तरह की कोई कोताही नहीं बरतना चाह रही हैं किंतु लचर प्रशासनिक व्यवस्थाओं के चलते इन तमाम इंतजामों और सतर्कता का खुला मजाक बनाया जा रहा है।

 

 

डिंडोरी के निजी स्कूलों में चल रही है लोकल परीक्षाएं

प्रदेश शासन ने सख्त निर्देश जारी कर सभी स्कूल कोचिंग सेंटर आदि ऐसी सभी संस्थाए बंद करा दी गई हैं, जहां लोगों का जमावड़ा होता है इसी के चलते मध्यप्रदेश शासन ने सभी निजी स्कूलों को एवं शासकीय स्कूलों को बंद किए जाने के आदेश कई दिन पहले ही दे दिए थे। केवल मध्यप्रदेश शासन की बोर्ड परीक्षाएं दसवीं और बारहवीं की संचालित हो रही थी जिन्हें भी आज आदेश जारी कर प्रदेश शासन ने कल से स्थगित कर दिया है। यहां तक कि आज से न्यायालय जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं का कामकाज भी बंद करा दिया गया है ।किंतु फिर भी ना केवल जिले में बल्कि जिला मुख्यालय में ही कुछ निजी स्कूल संचालकों द्वारा अपने स्कूलों में लोकल कक्षाओं की परीक्षाएं जारी रखी गई हैं। जिला मुख्यालय के इन स्कूलों में शासन के निर्देशों व जिला प्रशासन के आदेशों का पता नहीं क्यों पालन नहीं किया जा रहा है? जबकि जिला प्रशासन द्वारा इस संदर्भ में कई दिन पूर्व से आदेश जारी किए जा चुके हैं और अधिकतर संस्थाएं बंद भी की जा चुकी हैं।

 

ऐसे शिक्षा के कथित कारोबारियों की मान्यता रद्द की जाए

जिला प्रशासन के आदेशों और विकट संकट के बाद भी जो निजी स्कूल संचालक अपने आप को शासन से अधिक बड़ा और ज्ञानी मानकर अपना शिक्षा का कारोबार जारी रखे हुए हैं जिला प्रशासन को एक पक्षीय निर्णय लेते हुए उनकी मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर देना चाहिए। ऐसे स्कूलों में बच्चों को क्या शिक्षा दी जाती होगी जो खुलेआम कानून और सरकार के आदेशों के खिलाफ खतरनाक संक्रमण को आमंत्रण दे रहे हैं।

गौरतलब है आज से न्यायालय बंद कर दिए गए हैं अंतरराजयीय बस सेवाएं बंद की जा रही है, केंद्र द्वारा संचालित जवाहर नवोदय विद्यालय बंद कर दिए गए हैं। कल होने वाली मध्यप्रदेश शासन की बोर्ड परीक्षाओं पर भी रोक लगा दी गई है। बावजूद इसके जिला मुख्यालय की कुछ निजी संस्थाएं नियमों का खुला उल्लंघन कर रही है साथ जी भयावह वायरस के संक्रमण के आसार से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी को निमंत्रण देने हेतु छाती खोलकर अड़े हुए हैं।

 

क्या कहते है स्कूल संचालक

इस संदर्भ में आज सुबह तक अपने स्कूल में परीक्षाओं को संचालित करने वाली शाला के संचालक से हमारी फोन पर जब बात हुई तो उनका कहना था कि उन्हें कल ही इसका पता चला कि शासन ने स्कूल बंद करने के आदेश दिए है, और तब उनके स्कूल में परीक्षा देने बच्चे आ चुके थे इसलिए कल और आज परीक्षाएं हुई और आने वाले कल से परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। ऐसे स्कूल संचालक जो इस तरह की बातें करते हैं वह सिर्फ मजाक और अपने बचाव की बात कर रहे हैं क्योंकि स्कूलों का संचालन करने वाले बुद्धिजीवी वर्ग के लोग रोज अखबार टीवी समाचार आदि के साथ-साथ सोशल मीडिया पर आ रही खबरों और सरकार के आदेशों से भलीभांति परिचित होते है और होना भी चाहिए, उनके द्वारा अपने द्वारा खुलेआम की जा रही गलती के बचाव में ऐसी झूठी बातें की जा रही हैं। और यदि उनके तर्क को सही माना जावे तो फिर जिले का शिक्षा विभाग और उसकी कार्यप्रणाली में घोर कमी है। उनके द्वारा इतने गंभीर विषय के आदेशों को भी संस्थाओं पर समय पर नहीं पहुंचाया गया जो गंभीर अनियमितता है और उनके खिलाफ और अधिक कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए।

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