पवित्र माह रमजान का अंतिम काल खण्ड का प्रारंभ

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अखलाख कुरैशी –

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 21 अप्रैल 2022, गोरखपुर -करंजिया विकासखंड के अंतर्गत कस्बा गोरखपुर के मुस्लिम धर्मावलंबी पवित्र माह रमजान के माह भर का रोजा उपवास रख आस्था के साथ अल्लाह की विधिवत आराधना करने में लीन हैं। रोजा मुस्लिम धर्मावलंबियों पर फर्ज हैं जिसें वो पूरा कर रहें हैं। प्रत्येक आयु वर्ग का व्यक्ति रोजा रख फर्ज नमाजों की अदायगी के साथ साथ स्वेच्छिक नमाज भी कसरत से अदा करने में लगा हैं। बताया गया कि रमजान माह के रोजों को दस दस दिन के तीन अलग अलग कालखण्डों में बांटा गया हैं।

मान्यतानुसार शुक्रवार से तीसरे महत्वपूर्ण काल खण्ड नरक से छुटकारा का प्रारंभ हो गया। धर्म के जानकारों के मुताबिक इस अंतिम काल खण्ड में विधिविधान से एत्तकाफ करने शबेकद्र की रात में इबादत करने से अल्लाह मनुष्य के पाप कर्म को क्षमा करते हुए उसे नरक से मुक्त कर देता हैं। वहीं शबेकद्र की रात एक ऐसी रात हैं जिसमें पूरी रात जागकर इबादत करने से एक हजार महीने के बराबर इबादत करने का पुण्य मिलता हैं। रोजा अफ्तार -रमजान माह के दरमियान रोजदारों की फल दुकानों में भीड़ देखी जा रहीं हैं। अफ्तार के लिए व्रतधारी फल खरीदने पहुंचते हैं वैसे तो खजूर और छुहारे से अफ्तार किया जाता हैं लेकिन धूप के बढ़े असर और पंद्रह घंटे तक निराहार रहने के बाद शरीर को विटामिन युक्त पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती हैं। रोजदार फलों के माध्यम से आवश्यक विटामिन की पूर्ति लिए फलों का अधिक उपयोग कर रहें हैं । यघपि मस्जिद परिसर में सामाजिक स्तर पर रोजा अफ्तार का आयोजन निरंतर किया जा रहा हैं। कहा जाता हैं कि अफ्तार कराने वाले को रोजा रखने वाले के बराबर फल मिलता हैं।

पांच वर्षीय बालक ने पूरा किया रोजा

गोरखपुर निवासी निजामखान के पांच वर्षीय सुपुत्र नवील खान ने रमजान माह का रोजा पूरा किया बालक के साहस की प्रशंसा करते हुए समाज के लोगों ने कहा कि ईश्वर जिससे चाहें उससे अपनी इबादत करा लेता हैं। कम उम्र में इतनी गर्मी और भूख प्यास को सहना वाकई साहस का काम हैं ।

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