
ठेकेदार के घटिया निर्माण कार्यों की जांच हेतु नगर पंचायत अध्यक्ष ने जे.डी. कार्यालय को लिखा
पौराणिक ट्रेडर्स एंड सप्लायर नागौद के निर्माण कार्य घटिया पाए गए
डिंडोरी – जनपद टुडे, 04.03.2020
नगर पंचायत डिंडोरी के निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री के उपयोग किए जाने एवं निर्माण के गुणवत्ताहीन होने की खबरों का व्यापक असर नगर पंचायत में दिखाई देने लगे हैं।
कल वार्ड क्रमांक एक कि सी.सी. सड़क की बनने के दो ही दिन बाद धज्जियां उड़ जाने की खबर पर नगर पंचायत अध्यक्ष पंकज सिंह तेकाम ने त्वरित निर्णय लेकर कार्यपालन यंत्री को निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर नियंत्रण हेतु सक्षम तकनीकी अमले द्वारा देखरेख हेतु पत्र लिखा गया था जिस पर उपयंत्री के साथ ही एस.डी.ओ. द्वारा भी निर्माण कार्यों की निगरानी कराए जाने का आश्वासन कार्यपालन यंत्री द्वारा दिया गया था।
वार्ड क्रमांक 6 की सड़क भी निपट गई
आज वार्ड क्रमांक 6 के लोगों ने महज 15 दिन पहले नगर पंचायत के ठेकेदार द्वारा बनाई गई सड़क पूरी तरह उखड़ जाने की शिकायत की जिस पर नगर पंचायत अध्यक्ष पंकज सिंह तेकाम, उपाध्यक्ष महेश पाराशर, निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं वार्ड क्रमांक 6 के पार्षद पुरुषोत्तम विश्वकर्मा ने स्वयं जाकर मुख्य मार्ग से गणेश मंदिर रोड की मुआयना किया और गुणवत्ताहीन कार्य पर नाराजगी व्यक्त की और उक्त ठेकेदार द्वारा किए गए सभी कार्यों की जांच कार्यपालन यंत्री स्तर से कराए जाने हेतु पत्र लिखा।
पौराणिक ट्रेडर्स एंड सप्लायर नागौद के कार्यों की जांच होगी
गौरतलब है कि वार्ड क्रमांक एक में बनाए गए सीसी मार्ग एवं वार्ड क्रमांक 6 में लगभग 15 दिन पहले बनाई गई सीसी सड़क निर्माण के उखड़ने की शिकायतों के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष ने अब तक इस फर्म द्वारा डिंडोरी नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों में किए गए सभी निर्माण कार्यों की सूक्ष्म जांच हेतु कार्यपालन यंत्री, नगरी प्रशासन एवं विकास जबलपुर को पत्र लिखा हैं। बताया जाता हैं नगर पंचायत अध्यक्ष के पत्र पर कार्यपालन यंत्री द्वारा शीघ्र ही पौराणिक ट्रेडर्स द्वारा किए गए सभी कार्यों की जांच कराई जा सकती हैं। बताया जाता है कि यदि सूक्ष्म जांच हो गई तो उक्त ठेकेदार के द्वारा किए गए अधिकांश निर्माण कार्य घटिया और गुणवत्ताहीन पाए जावेगे। नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा फिलहाल जांच होने तक उक्त फर्म के सभी भुगतान रोके जाने हेतु भी नगर पंचायत को निर्देशित कर दिया गया हैं।
सस्ते में घटिया काम करने सतना से आई हैं फर्म
गौरतलब है कि निर्माण कार्यो के ई. टेंडर की प्रक्रिया पूरे प्रदेश में लागू है और निर्माण कार्यों को निम्न दरों पर करने बाहर के ठेकेदार डिंडोरी जिले में धीरे-धीरे हर विभाग में पैर पसार रहे हैं, जिनके पीछे विभागों में कार्यरत तकनीकी अमले कि साठगांठ होना बताई जाती है। सतना जिले के नागौद से पौराणिक ट्रेडर्स डिंडोरी नगर पंचायत में निर्माण कार्य करने आया है उसके द्वारा शासन द्वारा निर्धारित दरों से 20 से 25% तक कम दर पर काम किए जा रहे हैं। लगभग 20% की राशि शासन द्वारा विभिन्न मदो की कटौती कर ली जाती हैं और अघोषित ही सही पर कम से कम 15% कमीशन भी ठेकेदारों द्वारा देना ही पड़ता हैं यदि इन सब को जोडा जावे तो 60% राशि तो ऐसे ठेकेदारों की कम हो गई, इसके बाद शेषशासं द्वारा निर्धारित रेट के मात्र 40% पर काम करके ठेकेदार को लाभ भी कामना है तब किसी भी दशा में संभव नहीं है कि ऐसी फर्मे इन दरों पर निर्माण कार्यों को गुणवत्तापूर्वक करें। जरूरी है कि ऐसी फर्मों के सभी कार्यों की जांच करवाई जावे साथ ही वार्ड एक व छ के कार्यों की शिकायतें सही पाए जाने पर इस फर्म द्वारा जमा की गई परफॉर्मेंस गारंटी की राशि को नगर पंचायत द्वारा जप्त कर लिया जावे।
उपयंत्री पर उठ रही उंगलियां
नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 11 इसके बाद वार्ड क्रमांक 6 और फिर वार्ड क्रमांक 1 की सड़कें बनाने वाली पौराणिक ट्रेडर्स द्वारा जबसे कार्य प्रारंभ किया गया था तभी से लोगों द्वारा घटिया सामग्री के उपयोग किए जाने की शिकायतें कि जाती रही हैं। किंतु उपयंत्री द्वारा साइड में चल रहे कार्यों पर ध्यान दिया गया न ही गुणवत्ता की निगरानी, न ही ठेकेदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई जिसके चलते उपयंत्री की कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर उठते हैं। यदि लोगों की शिकायतें झूठी होती और गुणवत्ता ठीक रही होती तो इन सी.सी. सड़कों की स्थिति इतनी जल्दी खराब नही होती पर उपयत्री की अनदेखी के चलते ठेकेदार घटिया निर्माण करता रहा।
कार्यपालन यंत्री द्वारा जांच कराए जाने पर यदि ठेकेदार द्वारा उपयोग की गई सामग्री घटिया पाई जाती हैं तो इसके उपयोग के समय उपयंत्री आशुतोष सिंह द्वारा रोक न लगाए जाने एवं कार्यों का मूल्यांकन एवं भुगतान किए जाने के समय भी ठेकेदार को मनमर्जी करने की छूट दिए जाने का दोषी जरूर माना जाना चाहिए। यदि उपयंत्री कार्यों का सतत मुआयना करते हैं तब निर्माण कार्य घटिया कैसे संपन्न हुए और सड़कें बनने के 2 दिन बाद हफ्ते भर बाद उखड़ने कैसे लगी ?