भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया ग्राम सुदूर मार्ग

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, २३ अक्टूबर 2020, जनपद पंचायत करंजिया अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत साढ़वा छापर भ्रष्टाचार और गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्यों को लेकर हमेशा से चर्चाओं में रही है वहीं उपयत्री, सरपंच, सचिव के द्वारा मनमाने कार्य करने और आम लोगों की अनसुनी की कई शिकायते होती रही है किन्तु ग्रामवासियों की न कहीं कोई सुनवाई है और न ग्रामीणों को राहत मिल पा रही है।

कुछ माह पहले 14 लाख 90 हजार रुपए की राशि ने बनवाए गए सुदूर मार्ग का पता नहीं है ग्रामीण उसका अस्तित्व तलाश रहे है। बताया जाता है कि रोजगार गारंटी के तहत करवाए गए इस कार्य में उपयंत्री द्वारा जेसीबी मशीन से काम करवा कर चंद दिनों में निपटा दिया गया, लोगो का आरोप है कि फर्जी हाजिरी भर कर लाखों रुपए की राशि का बंदरबांट जिम्मेदारों ने कर लिया, ग्रामीणों की माने तो ना तो इस कार्य में कभी रोलर चलाया गया न कॉम्पेक्शन किया गया। जेसीबी और ट्रैक्टर से मुरम और मिट्टी डाल कर काम निपटा दिया गया और पूरी राशि हड़प ली गई जिसका नतीजा अब सामने है लाखों रुपए की लागत का सुदूर मार्ग बरसात में पूरी तरह बह चुका है, जहां कहीं यह मुरम बह कर जमा हो गई है वहां भी कीचड़ के चलते अब निकलना मुश्किल है ग्राम वासियों का आरोप है कि चुटकी टोला से कौंदा टोला तक बनाए गए सुदूर मार्ग में सरपंच सचिवों की मिलीभगत से गुणवत्ताहीन कार्य करवाया गया जिसका मूल्यांकन कर पूरी राशि डकार ली गई और मौके पर अब सुदूर मार्ग के कुछ अवधेश ही शेष बचे है। आम जनता आवाजाही के लिए परेशान हैं।

दूसरी तरफ ग्राम में संतोष के घर से भजन के घर तक पूर्व में बनी सीसी रोड को उखाड़ कर फेंक दिया गया है और कार्य शुरू ही नहीं किया गया गया है जिससे लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है वाहनों का निकलना संभव नहीं है। लोगों का मेटरियल न पहुंचने से दर्जनों लोगों का आवास का काम रुका है और पंचायत की लापरवाही से लोग परेशान है। ग्रामीणों ने मांग की है कि सुदूर मार्ग की जांच की जावे और दोषियों पर कार्यवाही हो वही अधूरे मार्ग का निर्माण शीघ्र प्रारंभ करवाया जावे साथ ही पंचायत द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच हो।

कार्यों की गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार उपयंत्री पर कार्यवाही की मांग


ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत में घटिया निर्माण हो रहे है जिनमे यदि सब इंजीनियर की सहमति नहीं है तो फिर भुगतान कैसे जो जाता है? ग्राम पंचायत की सड़क की दुर्दशा देखत कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का तांडव साफ दिखाई देता है। जाहिर तौर पर ग्रामीण अंचल की ग्राम पंचायतों में मनमाने कार्य किए जा रहे है ग्रामीण अपनी शिकायते बड़ी मुश्किल तक जनपद तक पहुंचा पाते है जहां सप्लायरों के दबाव और राजनीतिक पहुंच के चलते शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं होती, इन गांवों में क्या चल रहा है अधिकारी कभी सुध लेने नहीं पहुंचते वहीं सब इंजीनियर अपनी जिम्मेदारी से पूरी तरह लापरवाह है। बताया जाता है आसपास की सभी पंचायतों में यही हाल है, ग्रामीण परेशान है उनकी कोई सुनने तैयार नहीं है। पंचायत में हो रहे घटिया कार्यों के लिए जवाबदेह सब इंजीनियरों पर जब तक कार्यवाही नहीं होगी हाल सुधरने वाले नहीं है।

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