कोरोना की गाइड लाइन का उल्लंघन, धूर्रा हाई स्कूल में छमाही परीक्षाएं
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 23 नवंबर 2020, जहां एक ओर शासन और प्रशासन कोरोना की गाइडलाइन जारी कर प्रदेश में संक्रमण बढ़ने की बात कहते हुए लॉकडाउन और कर्फ्यू जैसे कदम उठाने जा रहा है वहीं जिले में जिम्मेदार शासकीय अधिकारी कर्मचारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आज शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल धूर्रा की स्थिति देखकर ऐसा ही अनुमान लगाया जा सकता है मानो यह क्षेत्र कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित है।
शाला परिसर में संचालित होने वाली छमाही परीक्षाओं में परीक्षा देने उपस्थित हुए शाला के लगभग सभी छात्र जब परीक्षा देने पहुंचे तो स्कूल भवन के भीतर “सोशल डिस्टेंसिंग” जैसे किसी विषय का पालन करना नामुमकिन था। गौरतलब है कि स्कूल में उपलब्ध स्थान और स्कूल में बच्चों की दर्ज जनसंख्या तथा उपलब्ध कक्षों में परीक्षाओं का संचालन करना सोशल डिस्टेंस की गाइड लाइन के अनुसार कदापि संभव नहीं है। जब तक कि कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था न कि जाए।
किंतु स्कूल के प्रभारी प्राचार्य जो कि मिडिल स्कूल के प्रधानाचार्य बताए जाते हैं उनके द्वारा बताया गया कि उन्होंने छात्रों को घर से वैकल्पिक व्यवस्था बनाते हुए परीक्षा देने के लिए कहा था किंतु सभी बच्चे स्कूल में पहुंच गए। प्रभारी प्राचार्य पूरे मामले पर बहानेबाजी करते नजर आए और उनके द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु शासन की गाइडलाइन के अनुसार किसी तरह की व्यवस्था किया जाना नहीं दिखाई दिया। छात्रों ने बताया कि परीक्षा के लिए स्कूल में ही बुलाया गया था।
परीक्षा के दौरान न तो सभी छात्र मास्क लगाए दिखे न ही शाला परिसर में कहीं सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था दिखाई दी और सोशल डिस्टेंसिंग की गाइड लाइन के अनुसार बच्चों को निर्धारित दूरी पर बिठाया भी नहीं गया था। यहां तक कि प्रभारी प्राचार्य हमारे कैमरे के सामने जब जानकारी दे रहे थे तब उनके पास मास्क तक उपलब्ध नहीं था और खुद गमछे का उपयोग करते हुए दिखाई दिए जो कि गंभीर अनियमितता का नमूना है। शिक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग में यदि कोरोना के प्रति जागरूकता की बजाय लापरवाही,अवस्थाएं और मनमानी जारी है तो जिले में संक्रमण और बच्चों के भविष्य को लेकर क्या स्थिति है यह समझा जा सकता है।
अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश जारी किए न ही निगरानी
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार परीक्षा के दौरान भी कई शिक्षक नदारत थे। इस स्कूल में संचालित परीक्षाओं की स्थिति और कोरोना गाइडलाइन की खुली अनदेखी से जाहिर है कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने परीक्षाओं के संचालन हेतु आवश्यक दिशा निर्देश ही जारी नहीं किए है। जिनके चलते छात्रों का भविष्य जरूर खतरे में है यदि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कोरोना से संबंधित निर्देशों का पालन करवाए जाने के लिए आवशयक सख्त निर्देश जारी किए है और उनका पालन नहीं किया जा रहा है तब संबंधित दोषी प्राचार्य और शिक्षकों पर कार्यवाही की जानी चाहिए।
शिक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण और आमजन व बड़ी संख्या में छात्रों से संबंध रखने वाला विभाग ही कोरोना संक्रमण को लेकर इस तरह से कार्यों को अंजाम देगा तो जिले में बच्चों को कोरोना से प्रभावित होने से बचाना कठिन हो सकता है इसी संवेदनशीलता के चलते शासन द्वारा मिडिल स्कूल तक की कक्षाओं पर आगामी माह तक की रोक भी लगा दी है किन्तु जो बड़ी कक्षाएं खोली जा रही है या परीक्षाओं का संचालन जो रहा है उन्हें कोबिड 19 के निर्देशों के अनुसार संचालित करवाए जाने की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की है।