जिला चिकित्सालय परिसर में वाहन में हुआ प्रसव बच्चे की मौत
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 9 दिसंबर 2020, जिला चिकित्सालय परिसर में गर्भवती महिला ने जननी एक्सप्रेस में ही बच्चे को बिना किसी स्वास्थ्य अमले के देखरेख के जन्म दिया और बच्चे की मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय परिसर पहुंचने के बाद जननी एक्सप्रेस का स्टॉप और गर्भवती महिला के परिजन प्रसव हेतु बार-बार जिला चिकित्सालय के स्टाफ को बुलाते रहे और अनुरोध करते रहे कि मरीज की हालत बेहद खराब है उसे कोई चल कर देखे किंतु गैरजिम्मेदार अमले ने उनकी बातों को नहीं सुना और टालमटोल करते रहे जब तक वाहन में ही प्रसव हो गया और बच्चे की मौत भी हो गई। बताया जाता है कि खाल्हे भंवरखंडी निवासी 30 वर्ष गणपतिया बाई को प्रसव पीड़ा के उपरांत जननी एक्सप्रेस के माध्यम से जिला चिकित्सालय लाया गया जननी वाहन जिला चिकित्सालय दोपहर 11:30 बजे पहुंच गया और वाहन के स्टाफ के सूचना देने व महिला के परिजनों के बार-बार प्रसूति वार्ड में जानकारी देने के बाद भी स्टाफ बाहर नहीं आया और तकलीफ बढ़ती गई जिसके बाद महिला का प्रसव वाहन में ही हो गया, प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई। जिला चिकित्सालय परिसर में खड़े जननी वाहन के पास दोपहर 1:00 बजे तक कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति नहीं पहुंचा। जबकि बच्चे की मौत के बाद महिला की हालत खराब थी और उसे उपचार की बेहद आवश्यकता थी।
जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था का केंद्र है जिला चिकित्सालय यहां की दयनीय और असवेदंशील व्यवस्था शासन की मंशा कभी पूर्ण हो पाएगी इस पर सवाल जरूर खड़े करती है। गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग जैसे संवेदनशील व महत्व के विभाग में जिम्मेदार अमले का रवैया बेहद गैर जिम्मेदाराना है इसकी वजह है कि ऐसे बड़े और गंभीर मामले में भी दोषियों पर जिला प्रशासन कार्यवाही नहीं करता जिससे अमले में लापरवाही और जिम्मेदारी एक दूसरे के ऊपर डाल देने की प्रवृत्ति हद तक बढ़ चुकी है।
शहडोल से सबक लेना होगा
आदिवासी बहुल जिले में लचर हो चली स्वास्थ्य सेवाओं और लापरवाह अमले को समय रहते सुधारने की दशा में कठोर कदम उठाने होंगे नहीं तो पड़ोसी जिले शहडोल में विगत दिनों हुए घटनाक्रम की तरह बड़ी कीमत जिले को भी चुकानी पड़ सकती है।