म.प्र. शूटिंग अकादमी की खिलाड़ी मनीषा कीर ने देश को दिलाया कांस्य पदक

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प्रदेश की बेटियां फहरा रही हैं देश का परचम-खेल मंत्री

जनपथ टुडे, भोपाल, 3 फरवरी 2021, मध्यप्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी की प्रतिभावान खिलाड़ी मनीषा कीर ने दिल्ली से ऑनलाइन शूटिंग चैंपियनशिप में भागीदारी करते हुए कुवैत में आयोजित फर्स्ट एशियन ऑनलाईन शूटिंग चैम्पियनशिप में देश को कांस्य पदक दिलाया। मनीषा ने यह पदक वूमेन ट्रैप इवेंट में प्रदर्शन करते हुए 136 अंकों के साथ अर्जित किया। कुवैत शूटिंग फेडरेशन द्वारा फर्स्ट एशियन ऑनलाइन शूटिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया।

खिलाड़ी बेटी पर गर्व

खेल और युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कल शूटिंग अकादमी का भ्रमण कर विकास कार्यों का निरीक्षण किया। शूटिंग अकादमी पहुँची खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया से अकादमी की खिलाड़ी मनीषा कीर ने सौजन्य भेंट की और उन्हें अपनी उपलब्धियों से अवगत कराया। मनीषा कीर की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि कोरोना जैसी बीमारी भी हमारे खिलाड़ियों के हौसले को दबा नहीं सकती। उन्होंने चैंपियनशिप में मनीषा कीर द्वारा किए गए शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए मनीषा को बधाई दी। खेल मंत्री ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में प्रदेश की बेटियां उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं और पदक जीत कर देश का परचम फहरा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी खिलाड़ी बेटी पर गर्व है।

मनीषा ने अब तक देश को दिलाए हैं 11 पदक

मत्स्य पालक की बेटी मनीषा कीर ने वर्ष 2013 में मध्यप्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी में प्रवेश लिया और शूटिंग अकादमी के मुख्य प्रशिक्षक श्री मनशेर सिंह के मार्गदर्शन में शॉटगन खेल का प्रशिक्षण प्रारंभ किया। शूटिंग में अपना कैरियर बनाने वाली मनीषा ट्रैप इवेंट की प्रतिभावान खिलाड़ी हैं। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अब तक दो स्वर्ण, 5 रजत और 4 कांस्य सहित 11 पदक देश को दिलाए हैं। मनीषा ने राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताओं में 21 स्वर्ण, 6 रजत एवं 6 कांस्य पदक इस प्रकार कुल 33 पदक अर्जित कर प्रदेश को गौरवान्वित किया है।

बेटी के प्रदर्शन से खुशी मिली है : कैलाश कीर

 

इस उपलब्धि पर गोरे गांव स्थित बिशनखेड़ी निवासी पिता कैलाश कीर ने बताया कि बेटी के प्रदर्शन से खुशी मिली हैं। उसने फोन पर बताया था कि पापा मेरा रजत पदक लगा है। मैं चाहता हूं कि बेटी ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतकर आए। उन्होंने बताया कि जब मनीषा छोटी थी तो मेरे साथ बड़े तालाब में मछली पकडऩे में जाती थी, इस दौरान जब भी हवा तेज चलती थी तो वो जाल पकड़ती थी और मैं नाव चलाता था। फिर एक दिन उसका सलेक्शन शूटिंग अकादमी में हो गया। बता दें कि मनीषा की छोटी बहन सोना कीर भी रोइंग की इंटरनेशनल खिलाड़ी हैं।

हौसलों की उड़ान है मनीषा कीर

 

आज इंटरनेशनल शूटर बन चुकी मनीषा कीर के हौसलों की उड़ान ही जो वे आज इस स्थान पर खड़ी है वे न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय दर्जे की खिलाड़ी है बल्कि भारत की टीम का प्रतिनिधित्व भी कर रही है। बेहद साधारण पारिवारिक स्थिति से सिर्फ अपने हौसले के बूते मनीषा आज इस मुकाम पर है।

पिता 10 घंटे बड़े तालाब में पकड़ते हैं मछली

भोपाल से सटे गोरे गांव के रहने वाले मनीषा के पिता मछली मार के बेचते है और परिवार चलाने के लिए सिंघाड़े की खेती करते है। मनीषा भी कुछ साल पूर्व तक पिता के साथ मछली पकड़ने का काम किया करती थी। मनीषा के पिता बताते है कि मैं अपनी बेटी के सपनों का पूरा करने के लिए सुबह और शाम 10 घंटों तक फिशिंग करता हूं। सुबह छह से 11 बजे और फिर दोपहर तीन से छह बजे तक बड़े तालाब में रहता हूं। मछली पकडऩे के बाद इन्हें बेचकर दिन का दो से तीन सौ रुपए तक की आमदानी हो जाती है।


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