रानी अवंतीबाई के शहीद स्थल बालपुर में संपन्न हुआ आजादी का अमृत महोत्सव
“रंग-आजादी” कार्यक्रम
जनपथ टुडे, डिंडौरी, 20 मार्च, 2021, पूर्व केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने कहा कि वीरांगना रानी अवंती बाई के बलिदान दिवस पर उन्हें शत्-शत् नमन करता हूं। डिंडौरी के निवासी गौरान्वित महसूस करते हैं कि हम रानी दुर्गावती और रानी अवंती की कर्मस्थली के निवासी हैं।
जिन्होंने देश राष्ट्रीयता की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक मुगलों और अंग्रेजों से संघर्ष किया। आपकी वीरता और साहस आने वाले पीढी को संघर्ष करने की प्रेरणा देगी। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम लगातार होने चाहिए इससे समाज में जागरूकता आयेगी। पूर्व केबिनेट मंत्री धुर्वे शनिवार को रानी अवंती बाई समाधि स्थल ग्राम बालपुर जिला डिंडौरी में आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव’’ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का उत्सव ’’रंग आजादी’’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। पूर्व केबिनेट मंत्री धुर्वे ने रानी अवंती बाई की समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित किये और कन्यापूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। रानी अवंती बाई अमर रहे और रानी तेरा ये बलिदान, याद रखेगा हिंदुस्तान के नारे लगाये। इस अवसर पर विधायक जालम सिंह पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति ज्योतिप्रकाश धुर्वे, जिला भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्र राजपूत, नगर पंचायत अध्यक्ष पंकज सिंह तेकाम, नगर पंचायत उपाध्यक्ष श् महेश पाराशर, जनपद पंचायत डिंडौरी उपाध्यक्ष सुशील राय, एसडीएम डिंडौरी, महेश मण्डलोई सहित जिला एवं जनपद स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। रानी अवंती बाई की समाधि स्थल पर देशभक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गए।
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पूर्व केबिनेट मंत्री धुर्वे ने कहा कि सन् 1857 की क्रांति में रानी अवंती बाई ने अंग्रेज सरकार से अंतिम सांस तक युद्ध किया था। इस युद्ध में रानी अवंती बाई अंग्रेज सरकार से लडते-लडते वीरगति को प्राप्त हुई। रानी अवंती बाई के बलिदान को हम हमेशा स्मरण करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार रानी अवंती बाई के इतिहास को पाठ्यक्रमों में शामिल किया है। जिससे हमारे बच्चे रानी अवंतीबाई की वीरता और साहस से अवगत हो सकें। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में प्रमुख भूमिका निभाने वाले विभूति रानी दुर्गावती, अवंती बाई, दुर्गादार राठौर, बिरसा मुण्डा की प्रतिमा डिंडौरी जिले में स्थापित की गई है। इन प्रतिमा स्थल पर प्रतिवर्ष कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें स्मरण किया जाता है।
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विधायक जालम सिंह पटेल ने बताया कि रानी अवंती बाई रामगढ की रानी थी। रानी अवंती बाई के शासनकाल में रामगढ एक खुशहाल और समृद्ध राज्य था। अंग्रेज रामगढ राज्य को जीतना चाहते थे। जिसका रानी अवंती बाई ने विरोध किया और अंग्रेजों से लडते हुए ग्राम बालपुर में वीरगति को प्राप्त हुई। उन्होंने रानी अवंती बाई के समाधि स्थल को वर्षाें से संरक्षित करके रखने पर स्थानीय जनों को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया। पटेल ने कहा कि 1857 की लडाई में गोंडवाना साम्राज्य के महाराजा शंकरशाह मडावी और कुंवर रघुनाथ सिंह मडावी ने अंग्रेजों से आजादी की लडाई लडी थी। अंग्रेज सरकार ने उन्हें तोप में बांधकर उडा दिया था। इस तरह आजादी की लडाई में वीरों की भूमिका रही है, इनकी वीर गाथाओं को हमें आने वाली पीढी को बताना होगा। जिससे उनमें देशभक्ति की भावना जागृत हो सके।
इस अवसर पर प्रदेश शासन की योजनाओं एवं उपलब्धियों पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई थी, जिसका अवलोकन किया गया।