सोशल मीडिया पर CORONA संबंधी शिकायतें करना गलत नहीं: सुप्रीम कोर्ट
डीएम या पुलिस ने कार्यवाही की तो सुप्रीम कोर्ट की अवमानना माना जाएगा
जनपथ टुडे, नई दिल्ली, 1 मई 2021, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना वायरस पीड़ित व्यक्ति या फिर उसके परिजन अथवा भारत का कोई भी नागरिक सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन, अस्पताल अथवा दवाओं की कमी के बारे में कुछ जानकारियां, शिकायत सार्वजनिक करता है। तो इसे गलत नहीं कहा जा सकता है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती है
डीएम या पुलिस ने कार्यवाही की तो सुप्रीम कोर्ट की अवमानना माना जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि अगर कोई नागरिक सोशल मीडिया पर अपनी शिकायत दर्ज कराता है, तो इसे गलत नहीं कहा जा सकता है। ऐसी शिकायतों पर अगर कार्यवाही की जाती है तो हम इसे अदालत की अवमानना मानेंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने देश में कोरांना की स्थिति, ऑक्सीजन की आपूर्ति और आवश्यक दवाओं के मसले पर स्वत संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई शुरू की है। इसी दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह चेतावनी दी।
सभी राज्यों के डीजीपी को स्पष्ट निर्देश जारी करने के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना पर सूचना के प्रसार पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए और अगर कोरोना संबंधी सूचना पर किसी तरह की रोक लगाई जाती है तो इसे अदालत की अवमानना मानी जाएगी। कोर्ट ने कहा है कि इस संबंध में सभी पुलिस महानिदेशक ओं को स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र से कहा है कि सूचनाओं का मुक्त प्रवाह होना चाहिए और हमें नागरिकों की आवाज सुननी चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि इस बारे में कोई पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए कि नागरिकों द्वारा इंटरनेट पर की जा रही शिकायतें गलत है.