तम्बू में लग रहा हायर सेकेंडरी स्कूल, सालों से अधूरा पड़ा भवन

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PIU की लापरवाही, भुगत रहे बच्चे

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 17 नवम्बर 2021, सरकारी भवन के निर्माण हेतु अधिकृत इकाई PIU की लापरवाही के कारण मेहंदवानी विकासखंड अंतर्गत चौबीसा ग्राम में पिछले लंबे समय से स्कूल भवन अपूर्ण होने की दशा में टेंट के नीचे कक्षा संचालन किया जा रहा है। स्कूल में छात्रों की दर्ज संख्या अधिक होने के बाबजूद छमता अनुसार कमरे कम होने की दशा में टेंट के नीचे छात्रों के अध्यापन की बैकल्पिक व्यवस्था की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मेहंदवानी विकास खंड के चौबीसा में हाई स्कूल को वर्ष 2018-19 में उन्ययन कर हायर सेकेंडरी स्कूल में तब्दील किया गया था। संस्था में उन्नयन के पूर्व मात्र दो कमरों में class लग रही थीं और उन्नयन के उपरांत भी भवन के नाम पर केवल दो कमरे ही हैं। जबकि छात्र संख्या दुगुनी हो चुकी है।

जानकारी के मुताबिक उक्त हायर सेकेंडरी स्कूल में दर्ज छात्र संख्या 485 है। पूर्व में कक्ष की कमी के चलते शाला प्रबन्धन द्वारा दो शिफ्ट प्रातः 8.00 बजे से 11.30 तक पहली पारी में कक्षा नवमी और ग्यारहवीं तथा दूसरी पारी में दोपहर 12 बजे से सांय 4.30 तक कक्षा दसवीं के साथ कक्षा बारहवीं के अंतर्गत विभिन्न समूहों की कक्षाएं आयोजित की जा रहीं थीं। लेकिन क्षेत्र में बढ़ती ठंड के कारण ग्रामीण अंचल से पहुँचने वाले छात्रों की समस्या को देखते हुए अब एक ही समय पर सभी कक्षाओं का संचालन करने की कोशिशों के तहत टेंट लगाकर उसके नीचे कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। जबकि स्थान उपलब्ध है और जनपथ टुडे के मुताबिक PIU विभाग द्वारा करवाया जा रहा भवन निर्माण का कार्य विगत वर्षों से अधूरा पड़ा है। बताया जाता कि निर्माण कार्य कर रहा ठेकेदार काम छोड़कर गायब है और संबंधित विभाग द्वारा भवन पूर्ण करवाने कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है । इस विषय में चर्चा करने पर कार्यपालन यंत्री कोई भी संतोषजनक जवाब देने से बच रहे है।

वहीं जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कुर्सी तोड़ कार्यप्रणाली पूर्व से जाहिर है। जिम्मेदार पूरी तरह नींद में है शाला के शिक्षक जहां व्यवस्थाओं को लेकर परेशान है वहीं मजबूर ग्रामीण छात्र शिक्षा के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही व्यवस्थाओं के चलते अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। यहाँ 3 शिक्षक और 7 अथिति शिक्षक पदस्थ है।

सहायक आयुक्त आदिवासी विकास का इस संदर्भ में कहना है कि आपके द्वारा मामला में संज्ञान में लाया गया है। इस दिशा में कुछ वैकल्पिक व्यवस्था की जावेगी ताकि छात्रों की परेशानी कम हो सके। सालों से अधूरे भवन की जानकारी जिले के अधिकारियों को है और न ही इसके निर्माण के लिए जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों द्वारा गंभीरता से कार्यवाही की गई। जिले में व्याप्त इस तरह की समस्याओं के लिए लापरवाह और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में छात्रों की संकट का सामना करना पड़ रहा है।

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