शीतल पानी चांडा मार्ग ध्वस्त, आवागमन बना संकट
भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गई करोड़ों की लागत से बनी सड़क
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 25 दिसंबर 2021, बजाग से खपरीपानी शीतलपानी होकर चांडा पहुंचने वाली सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी हैं। अधिकतर रोड़ खत्म हो गई हैं, जिससे इस क्षेत्र के ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दो पहिया और चार पहिया वाहनों को तक यहां चलाना कठिन हो रहा है। सड़क की दुर्दशा के चलते इस क्षेत्र में आवागमन प्रभावित है और ग्रामीण जनता परेशान है। जर्जर हो चुकी सड़क की हालत देख कर जिले में सड़क निर्माण के नाम पर जारी गोरखधंधा उजागर होता है। पूरे मार्ग में गिट्टी उखड़कर जमा है जिसे न कोई देखने वाला है न सुधार करवाने वाला। विभागीय अधिकारी आंखे मूंदे जिला मुख्यालय में मौज उड़ा रहे है, बैगा जनजाति बहुल क्षेत्र में लोगों का आनाजाना कठिन हो रहा है। सरकार की तिजोरी खाली हो रही है भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों की जेब भर रही है, ग्रामीणों की समस्याएं वर्षों से जस की तस बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि बजाग से पंडरिया मार्ग निर्माण होने के पूर्व कई वर्षों तक बजाग से चांडा पहुंचने के लिए यही मार्ग था। किन्तु पंडरिया मार्ग बन जाने के बाद यह सड़क उपेक्षित हो गई न विभागीय अधिकारियों को कोई फिक्र है और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधि क्षेत्र की इस बड़ी समस्या के निदान के लिए कोई पहल करते दिख रहे है वहीं गुणवत्ताहीन सड़क का निर्माण क्षेत्रवासियों को मुंह चिढ़ा रहा है।
क्षेत्रवासियों की जिला प्रशासन से मांग है कि उक्त सड़क का शीघ् निर्माण करवाया जावे तथा कार्य की गुणवत्ता को लेकर पूरी सतर्कता बरती जावे। इस सड़क के निर्माण में सरकार के करोड़ों रुपयों की किस तरह बर्बादी की गई और भ्रष्ट अधिकारियों की मिली भगत का परिणाम इस मार्ग पर देखा जा सकता है। सड़क पर गिट्टी के ढेर लगे हुए है न तो विभाग कोई देखरेख करता है और न ही वर्षों से मरम्मत करवाई गई है, जिससे ग्रामीणजन आक्रोशित है। ग्रामीणों की मांग है जनजाति हितो पर गंभीर हो कर प्रशासन शीघ्र इस मार्ग की मरम्मत करवाए।
शासकीय अमले को होती है परेशानी व्यवस्थाएं हो रही प्रभावित
उक्त सड़क के खराब होने से न सिर्फ स्थानीय नागरिकों को आवागमन में असुविधा हो रही हैं। बल्कि ग्रामीण अंचल में कार्यरत शासकीय अमला शिक्षक, स्वास्थ्य कर्मी, आगनवाड़ी कार्यकर्ता, राजस्व अमला, पंचायत कर्मी, निर्माण एजेंसियों का अमला, विद्युत कर्मी, खाद्यान्न से जुड़ी सुविधाएं, वन विभाग का अमला सभी को क्षेत्र से जुड़े दर्जनों गांव तक पहुंचने संकट का सामना करना पड़ता है। जिसके चलते ग्रामीण अंचल की तमाम सुविधाएं और प्रशासनिक व्यवस्थाएं चरमराती हुई नजर आ रही हैं। मार्ग खराब होने से ग्रामीण अंचल में पदस्थ मैदानी अमला क्षेत्र में जाने से बचता है, जिसके चलते ग्रामीणों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।