
कवर्धा से मुजफ्फरपुर,उत्तर प्रदेश सायकिल से जा रहे मजदूर
उद्योगपति और धन्नासेठ अपने घरों में घुस गए, लाचार मजदूर दिन रात पैदल सड़के नापने मजबूर
जनपथ टुडे, डिंडोरी, अप्रैल 28,2020, आज दोपहर बाईपास रोड के किनारे पर साथ आठ लोग पेड़ के नीचे आराम करते हुए दिखे, हमारे प्रतिनिधि ने उनसे जानकारी ली गई कि वे लोग यहां क्या कर रहे है ।
तब उन्होंने बताया कि हम आठ लोग कवर्धा कि गुड़ फैक्ट्री में काम करते है और अचानक लगे लॉक डॉउन के चलते काम भी बंद हो गया और हम बहुत दिनों से बिना काम के वहीं रुके हुए थे पर अब पैसे भी नहीं बचे और जो लोग खाने पीने में सहायता कर रहे थे अब वो भी नहीं कर रहे है, तब अब हमारी ये मजबूती हो गई कि अपने घर की ओर जाए हम सबको घर परिवार की भी चिंता हो रही है और कोई साधन नहीं होने से हम लोगो ने सायकिल से ही अपने घर उत्तरप्रदेश के मुज़्फरपुर जिले जाने का निर्णय लिया है। पंडरिया होते हुए हम यहां पहुंचे है, खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है जहां जो मिल जाता है खा लेते हैं।
दोपहर होने पर कहीं छाया में आराम कर हम शाम को फिर आगे निकल जाते है और रात में जितना हिम्मत साथ देती है, उतनी दूरी तय कर लेते है, लगातार हम लोग भूखे ही है कहीं कहीं कुछ कोई खिला देता है तो काम चल जाता है।
रास्ते में जहां भी हमारा स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया हमने करवा लिया। हमारे सामने बड़ा संकट है और अभी हमें बहुत दूरी तय करना है पर हमें उम्मीद है कि हम जल्दी ही अपने घर पहुंच जायेगे, इसके अलावा कोई उपाय नहीं था हमारे पास।
गौरतलब है रोज ऐसे ही बहुत से लोग जिले से निकलते है कोई पैदल है, किसी के साथ महिलाएं है किसी के बच्चे साथ है और इनके सामने बहुत सी परेशानियां है जिनका कोई हल नहीं है खाने की परेशानी है ही इसके अलावा कहीं रुकना भी चाहे तो कोई रुकने नहीं देता सैकड़ों किमी की पैदल यात्रा भूख और प्यास के साथ साथ चिंता से बेहाल ऐसे लाखों लोग देश की सड़कों पर चल रहे है और इनकी कठिनाइयों का कोई हल नहीं है क्योंकि ये जिन उद्योगपति और धन्नासेठो के लिए अपना घर छोड़ कर आए थे वो लोग कोरोना के चलते अपने घरों में घुस गए है या फिर अपने शहरों में दान और समाजसेवा का नाटक कर रहे है जबकि उनको करोड़पति बनाने में अपनी जान लगाने वाले ये मजदूर पूरे देश की सड़कों को नापने मजबूर है भूख और प्यास से बिलख रहे है।