बैगा बहुल गांव में खाने के साथ पीने की भी समस्या ……. ……. जल संकट

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पानी की समस्या को लेकर परेशानियों से जूझ रहे ग्रामीण

खनन में कठिनाई के चलते नहीं हो पा रहा समस्या का हल

 

( धर्मेंद्र मानिकपुरी, बजाग, की रिपोर्ट) जनपथ टुडे, डिंडोरी, 6 मई 2020, – जिले के करंजिया ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत पंडरीपानी के दादरटोला के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे है। इस गांव के रहवासियों को एक तरफ कोरोना महामारी का भय है तो दूसरी तरफ पानी की समस्या मुंह बाए खड़ी है, गर्मी के मौसम में दिनों दिन ये संकट सुरसा की तरह मुंह फाड़ता जा रहा है और ग्रामवासी हलकान है।

अधिक गरीब परिवार ग्राम में रहते है इसलिए इस वनग्राम में खाने की समस्या तो लोगो को थी ही और अब गर्मियों के बढ़ते असर के साथ पानी की भी समस्या बढ़ती जा रही है।

इस संकट को ले कर न तो पंचायत ध्यान दे रहे हैं न ही लोक स्वास्थ यांत्रिकी सेवा विभाग ने इस गांव की कभी सुध ली कहने को तो जिले के कई प्रदेश स्तर पर विख्यात नेता भी इसी समस्या भरे इसी गांव के विकास खंड से ताल्लुक रखते है पर वीआईपी सुविधाओं से लिपट चुके इन लोगो के लिए ये समस्या गरीब ग्रामीणों के बीच आम समस्या है इसलिए ही शायद वे कुछ खास गंभीर नहीं है ऐसी कठिनाइयों को लेकर, हालाकि जिले में पेयजल की व्यवस्थाओं के नाम पर काफी बड़े स्तर पर कागजी प्रयास भी हुए है और दस्तावेजी उपलब्धियां भी दर्ज है न तो इस गांव के लोगो को पानी उपलब्ध करवाना असंभव है न ही शासन प्रशासन के पास धन की कमी कोई कमी है, प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की राशि अलग अलग मदो से व्यय की जाती है फिर भी ऐसे तमाम गांवों इस अति आवश्यक आवश्यकता के चलते वर्षों से भटकते दिखाई देते है और परेशान है इसकी वजह सिर्फ इतनी है कि आम लोगो की सेवा के लिए तैनात लोग अपने चैंबर में बैठ कर ही विकास के नाम पर लंबी चौड़ी योजनाएं बना लेते है।

कोरोना का संक्रमण भले ही बेहद गंभीर है फिर भी इसका असर और संक्रमण की संभावनाएं इस ग्रामीण अंचल में बहुत कम है साथ ही इसके बचाव हेतु उठाए जा रहे क़दमों, लॉक डॉउन की स्थिति में लोगो को रोजी रोटी का संकट है परन्तु ये समस्या और इसके प्रभाव से कुछ रोज में लोग बाहर निजाद पा ही लेंगे पर इस गांव के लोग जल संकट से लंबे समय से जूझ रहे है और अभी भी उन्हें इसका कोई हल निकलता दिखाई नहीं दे रहा है।

परेशान ग्रामीणों का कहना है हमें इस पानी के लिए एक डेढ़ किलोमीटर चल कर जाना पड़ता है फिर भी नहाने, कपड़े धोने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता, और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है वहीं दूसरी तरफ पानी के लिए लोगों को जंगल के अंदर जाना पड़ता है जहां दिन में भी कभी कभी जानवर इन जल स्रोतों के पास उतर आते हैं जिससे इनका डर हमेशा बना रहता है। लोग बताते है कि हमें पीने के पानी के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर जाना पड़ता है और यहां निस्तार के लिए अकेले आना भी जोखिम भरा होता है।

इस गांव की इस समस्या को लेकर हमारे प्रतिनिधि ने, ए.के. गुप्ता, एस डी ओ, पी एच ई से चर्चा दी तो उन्होंने बताया कि करंजिया विकासखंड में खनन कार्य करने हेतु कोई भी कार्य करने तैयार नहीं होता क्योंकि इस क्षेत्र में खनन कार्य में कठिनाई आती है इस कारण विभाग इस क्षेत्र में नल जल की योजना व हैंडपंप के माध्यम से जल आपूर्ति नहीं कर पा रहा है इसकी जानकारी प्रशासन को भी दे दी गई है जिला कलेक्टर महोदय ने आर ई एस को इन गावो में कूप खनन किए जाने के निर्देश भी दिए थे जो कि लॉक डॉउन के चलते कार्य नहीं हो सके है।
इस गांव में हम अपना अमला भेजकर एक बार पुनः कोई संभावना बनती है तो शीघ्र प्रयास करके कोई हल निकालने की कोशिश करते है

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