
नागरिक आपूर्ति निगम में करोड़ों रुपए का खाद्यान्न भगवान भरोसे
वाहन चालक बने गोदाम संचालक
गोदाम प्रभारी के बिना चल रहा निगवानी गोदाम
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 10 जुलाई 2021, नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों के माध्यम से जिले भर में खाद्य सामग्री का वितरण किया जाता है। नागरिक आपूर्ति निगम का अमला वेयार हाउस के गोदामों से जहां खाद्य सामग्री का वितरण करता है वहीं किसानों से खरीदी जाने वाली उपज को भी इन्हीं गोदामों में संग्रहीत किया जाता है। गोदामों और सामग्री की देखरेख की जिम्मेदारी वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के अमले की होती है वहीं सामग्री का वितरण, गुणवत्ता और लेखा जोखा नागरिक आपूर्ति निगम रखता है।
वेयर हाउस और नागरिक आपूर्ति निगम में शासन की सामग्री भंडारित की जाती है। जिला प्रशासन का इस पूरी प्रक्रिया में अधिक दखल नहीं होने के कारण इन दोनों ही विभागों में खुली मनमानी चल रही है और अक्सर गड़बड़ी और घोटाले उजागर होते रहते है। जिन पर नियमानुसार कठोर कार्यवाही नहीं होने से ये गोदाम लापरवाही और भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके है।
जिले के गोदामों में जिम्मेदार अमले की कमी से कोई भी इन गोदामों में माल की आवक जावक और देखरेख करने के लिए मनमानी पूर्वक नियुक्त कर दिया जाता है। जिसके चलते गड़बड़िया जारी है और शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। विगत दिवस ओपन केब चांदपुर में बारिश में भीगने से धान खराब होने का मामला गरमाया रहा लेकिन दोषियों के विरूद्ध किसी तरह की कार्यवाही की कोई जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है। जबकि अमले की लापरवाही से कई लाख रुपए की शासकीय धान सड़ने की कगार पर है।
कुछ इसी तरह की व्यवस्थाएं निगवानी गोदाम में दिखाई देती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रभारी व गुणवत्ता निरीक्षक के.के. शिंदे बिना किसी अवकाश के दो दिनों से गोदाम नहीं आ रहे है। उनका फोन भी बंद है जिससे उनके न होने की वजह साफ नहीं हो सकी। करोड़ों रुपए का शासकीय माल जिस गोदाम में रखा है उसके प्रभारी के न होने के बाद भी गोदाम में आवाज जावक यथावत है।
विभाग के कम्प्यूटर पर चल रहा मनोरंजन
प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग में ड्राईवर के रूप में पदस्थ मुस्तकीन खान के हवाले नागरिक आपूर्ति निगम ने पूरा गोदाम कर रखा है, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये अनाधिकृत गोदाम प्रभारी विभागीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी नहीं करते है। 10 जुलाई दोपहर 1.30 पर जब हमारे प्रतिनिधि गोदाम से कुछ जानकारी प्राप्त करने पहुंचे तब वहां कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति उपस्थित नहीं था। जबकि माल वाहकों में लोडिग और अनलोडिंग जारी थी। विगत माह 1 जून को भी उक्त वाहन चालक गोदाम प्रभारी बिना किसी को प्रभार दिए चले गए थे और उसके बाद भी निगवानी के शासकीय गोदामों का संचालन होता रहा। मिलरो को धान आवंटन, चावल की आवक, पी डी एस को सामग्री प्रदान किया जाता रहा वह भी किसी जिम्मेदार अधिकारी या गोदाम प्रभारी की अनुपस्थिति में। इस बीच घटिया और अमानक गेहूं एक खरीदी केंद्र से आ कर गोदाम में जमा किए जाने की जानकारी विश्वस्त सूत्रों से मिली है, जिस पर गोदाम का बिना प्रभार दिए मुस्तकीन खान द्वारा शहर के बाहर होने की जानकारी स्वयं स्वीकार भी की गई। इस तरह की भारी अफरा तफरी और मनमानी के साथ शासकीय गोदामों का रखरखाव और संचालन किए जाने से बड़ी गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार की आशंका से नकारा नहीं जा सकता।
गौरतलब है कि इन गोदामों में न तो सुरक्षा गार्ड की व्यवस्थाएं है और न ही सीसीटीवी कैमरे आदि दिखाई देते है। जिला प्रशासन को अव्यवस्थाओ का शिकार शासन के इन गोदामों की जांच कर व्यवस्थाओं में सुधार हेतु आवश्यक कार्यवाही की जरूरत है। इसी तरह विपणन संघ के समनापुर गोदाम में लापरवाही और भ्रष्टाचार के मामले में एक कर्मचारी द्वारा आत्महत्या किए जाने का मामला सामने आया था जिसमें भी गोदाम से धान की आपूर्ति अस्थाई चौकीदार द्वारा की गई थी। विभाग में चल रही अफरा तफरी पर प्रशासन को शीघ्र अंकुश लगाना होगा ताकि इस तरह की जानलेवा घटनाओं और भ्रष्टाचार को रोका जा सके। गोदामों का संचालन शासन के नियमो और दिशा निर्देशों पर करवाया जाना आवश्यक है।