ओमप्रकाश धुर्वे राज्यसभा के मजबूत दावेदार : राजनैतिक हलचल तेज

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धुर्वे पर है हाईकमान का भरोसा

 

जनपथ टुडे, भोपाल, 16 सितंबर 2021, थावरचंद गहलोत के स्तीफे के बाद खाली हुए एमपी से राज्यसभा सांसद के एक स्थान के लिए चुनाव 4 अक्टूबर को होना है। निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार 15 सितंबर को चुनाव अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन शुरू हो जाएगा जिसकी अंतिम तिथि 22 सितंबर निर्धारित है। 27 सितंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। चार अक्टूबर को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। शाम 5 बजे से मतगणना प्रारंभ होगी और परिणाम घोषित किया जावेगा।

गौरतलब है कि थावरचंद गहलोत का कार्यकाल 2024 तक था लेकिन उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से स्तीफा दे दिया, केंद्र सरकार ने उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया है। इस चुनाव में 227 विधायक हिस्सा लेगे, जिसने से 125 भाजपा के सदस्य है जो बहुमत से अधिक है इसी चुनावी गणित के चलते जानकारी मिल रही है कि कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इस स्थिति ने भाजपा उमीदवार निर्विरोध विजयी होगा। यदि कांग्रेस का उम्मीदवार मैदान में उतरता है तब भी जीत भाजपा के खाते में ही होगी।

भाजपा में उमीदवार के चयन को लेकर सरगर्मियां तेज

राज्यसभा के लिए प्रत्याशी जा चयन भाजपा प्रदेश चुनाव समिति में किया जाएगा, जिस पर अंतिम निर्णय पार्टी हाई कमान करेगा। गहलोत अनुसूचित जाति वर्ग से थे इसलिए पार्टी नेताओं का विचार है कि रिक्त पद अजा वर्ग से ही भरा जावे। इस वर्ग से जहां भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य का ग्वालियर चंबल संभाग से नाम चर्चा में है। वे पूर्व में शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके है। वहीं प्रदेश के आदिवासी बहुल डिंडोरी जिले के आदिवासी नेता ओमप्रकाश धुर्वे का नाम भी काफी आगे होने की चर्चा है। पूर्व केविनेट मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के सह प्रभारी है। कद्दावर आदिवासी नेता ओम प्रकाश धुर्वे का नाम चर्चा में आने के बाद डिंडोरी मंडला जिले में राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। एक ओर जहां धुर्वे भाजपा संगठन में बड़ी मजबूत पकड़ रखते है, वहीं पार्टी के भीतर उनके विरोधी भी कम नहीं है। किन्तु ओम प्रकाश धुर्वे के बढ़ते कद को रोकने में उनके विरोधी अब तक अधिक सफल नहीं हो पाए है और अब भी वही स्थिति है। जिसके चलते धुर्वे की दावेदारी मजबूत मानी जा सकती है।

कई बड़े नामों की है चर्चा…..

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, प्रवक्ता अर्चना चिटनिस सहित और भी कई नाम चर्चा में है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने कुछ ऐसे मंत्री है जो लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य नहीं है ऐसे प्रदेश के बाहरी नेता भी प्रत्याशी हो सकते है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा मीडिया की बयान दे चुके है कि प्रत्याशी का चयन केंद्रीय संगठन करेगा।

ओमप्रकाश धुर्वे दौड़ में आगे

चुकी संसदीय बोर्ड में एक सदस्य अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति वर्ग से रखा जाना जरूरी है। इसलिए इसमें किसी दलित अथवा आदिवासी नेता को शामिल किया जाना तय माना जा रहा है। प्रदेश कोटे की सीट पर स्थानीय प्रत्याशी और अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवार की रिक्त सीट के समीकरण और आदिवासी क्षेत्रों में आगामी उपचुनावों और स्थानीय निकायों के चुनावों में पार्टी के हित को देखते हुए ओम प्रकाश धुर्वे की दावेदारी मजबूत बताई जा रही है। वहीं स्थानीय राजनैतिक समन्वय के चलते भी धुर्वे की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। प्रदेश के कई बड़े नेताओं का हाथ भी ओमप्रकाश धुर्वे के ऊपर होना बताया जा रहा है जिससे धुर्वे की दावेदारी बहुत मजबूत समझी जा रही है। साथ ही पिछले दिनों के घटनाक्रम के बाद से ओम प्रकाश धुर्वे के राजनैतिक प्रतिद्वंदी इन दिनों बैकपुट पर बताए जाते है जिसके चलते भी श्री धुर्वे का बिल्कुल रास्ता साफ लग रहा है।

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