DA और प्रमोशन की मांग को लेकर भोपाल में 22 अक्टूबर को धरना और प्रदर्शन

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मांगे नहीं मानी तो 28 को दफ्तरों में “लॉकडाउन” फिर हड़ताल

 

जनपथ टुडे, भोपाल, 9 अक्टूबर 2021, DA और प्रमोशन समेत पांच सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारियों के आंदोलन के दो चरण पूरे हो चुके हैं। कलेक्टर एसडीएम और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने के बाद 22 अक्टूबर को भोपाल में प्रदेश स्तर पर व्यापक रूप में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। तब भी सरकार ने मांगे नहीं मानी तो 28 अक्टूबर को सरकारी दफ्तरों में लॉकडाउन किया जाएगा इसके बाद भी सरकार यदि मांगे नहीं मानती है तो प्रदेश के लाखों कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे।

हड़ताल के प्रथम चरण में संयुक्त मोर्चा के द्वारा मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव के नाम एसडीएम और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपे गए थे वहीं दूसरे चरण में 52 जिलों के कलेक्टरों को ज्ञापन दिए गए थे किन्तु अब तक सरकार की ओर से मांगों के संबंध में कोई चर्चा नहीं की गई है। इसलिए अब 22 अक्टूबर को भोपाल में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले अधिकारी कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं और इस मोर्चा में प्रदेश के 52 कर्मचारी संगठन जुड़े हुए हैं।

अब तक सरकार ने नहीं की कोई पहल

संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि 8 अक्टूबर को प्रदेशभर के कलेक्टर को ज्ञापन दिए गए थे। जून-जुलाई में प्रदर्शन किया था जनप्रतिनिधियों व अफसरों के आश्वासन के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल नहीं की गई थी। बावजूद इसके सरकार की ओर से मांगों को पूरा करने की कोई पहल नहीं की गई है। इसलिए अब फिर से चार चरण में मोर्चा आंदोलन कर रहा हैं। दो चरण पूरे हो चुके हैं तीसरे चरण में 22 अक्टूबर को भोपाल में प्रदेश स्तरीय धरना दिया जाएगा।
28 और 29 अक्टूबर को प्रदेश के सभी अधिकारी कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेंगे इसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।

इन मांग को लेकर प्रदर्शन :

1 जुलाई 2020 एवं 1 जुलाई 2021 की वेतन वृद्धि में एरियर की राशि का भुगतान किया जाए

प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान केंद्रीय तिथि से 16% महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाए।

अधिकारी और कर्मचारियों के प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की जाए।

गृह भाड़ा भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की तरह एमपी कर्मचारियों को दिया जाए।

स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिले।

विभिन्न संवर्गो के वेतन विसंगति सेवा अवधि अनुसार पदनाम, नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता के निराकरण, दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थाई कर्मी, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नियमित किया जाए।

अनुकंपा नियुक्ति के सरलीकरण को लेकर वरिष्ठ मंत्री की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाए समिति के निर्णय का तत्काल से पालन हो।

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