
एफ.सी.आई. निगवानी गोदाम पर हम्मालो ने की हड़ताल, ठेकेदार पर शोषण का आरोप
अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार पर कम मजदूरी दिए जाने का आरोप
पी डी एस का लाखों रुपया ठेकेदार पर हम्मालो का बकाया,
विभाग द्वारा धान उपार्जन में नियम विरूद्ध ठेकेदार नियुक्त किए जाने का मामला न्यायालय में विचाराधीन है
जनपद टुडे, अप्रैल, 27, 2020, एफ सी आई के निगवानी स्थित गोदाम पर आज पल्लेदारों ने हड़ताल कर दी, उनका आरोप है कि ठेकेदार कन्हैया रजक द्वारा उन्हें पूरी मजदूरी नहीं दी जाती और अधिकारियों द्वारा भी इनसे काम अपनी सुविधाओं के अनुसार कोरोना संक्रमण के
दौरान दिन रात करवाया जाता रहा पर उनको उचित मजदूरी ठेकेदार द्वारा नहीं दिए जाने, गोदाम में आ रहे बाहर से चावल की उतरवाई का भी उचित भुगतान परिवहनकर्ताओं द्वारा नहीं किया जा रहा और विभाग के अधिकारी मजदूरों की शिकायत नहीं सुनते बल्कि ठेकेदार के पक्ष में ही बात करते है इसलिए आज गोदाम में हड़ताल कर दी गई है और न काम करेगे न किसी को करने देगे, यदि कार्य प्रभावित होता है तो ये विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी।
धान उपार्जन में हम्मली का मामला न्यायालय में है विचाराधीन
गौरतलब है कि नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा माल का परिवहन जिसमें की धान परिवहन और पीडीएस का कार्य ठेकेदार द्वारा करवाया गया है, इसमें लगातार ठेकेदार द्वारा हम्मालो का अधिकार हड़पे जाने की खबरें आती रही हैं। हमारे द्वारा पूर्व में भी धान परिवहन में परिवहनकर्ता द्वारा सरकार से प्राप्त निर्धारित हम्माली में की जा रही गड़बड़ी को लेकर समाचार प्रकाशित किए गए थे और धान खरीदी में की गई हेरा फेरी और विभाग द्वारा गलत तरीके से ठेकेदार की नियुक्ति कर उसको हम्माली का पैसा दिए जाने के मामले की जानकारी विभाग से बार बार मांगी जाती रही थी किन्तु विभाग द्वारा इसकी जानकारी नहीं दिए जाने के बाद
हमारे द्वारा मजदूरों के शोषण का प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया था जिसपर विभाग के अधिकारियों से अधिकृत जानकारी न्यायालय द्वारा तलब की गई थी किंतु लॉक डाउन की स्थिति के बाद न्यायालय बंद हो जाने से यह प्रक्रिया प्रभावित हो गई है।
नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों पर जिन पल्लेदारों ने हड़ताल की लगभग 90 से 100 पल्लेदार यहां काम करते हैं जो लगातार विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार द्वारा हम्माली पूरी न दिए जाने के कारण परेशान हैं एक गैंग ने बताया कि ठेकेदार द्वारा उन्हें ₹1 बोरी के हिसाब से भुगतान दिया जा रहा था, जानकारी के अनुसार पीडीएस का उन्हें 2 महीने से ठेकेदार द्वारा भुगतान नहीं किया गया है जो लगभग दो लाख रुपए है ठेकेदार से लेना बाकी है अन्य गेंग का पैसा भी ठेकेदार द्वारा नहीं दिया गया है और अब ठेकेदार से इस दर से पैसा लेने भी ये लोग तैयार नहीं है।
इस संबंध में आज हमारे द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम के चहेते परिवहनकर्ता कन्हैया रजक से भी संपर्क करने की कोशिश की गई किंतु उनके द्वारा फोन नहीं उठाए जाने के कारण बात नहीं हो सकी।
अधिकारियों के संरक्षण के चलते मजदूरों का शोषण
परिवहनकर्ता द्वारा हम्मालो के लिए न कोई व्यवस्था कि जाती है न बीमा, फंड आदि का कोई इंतजाम है ऊपर से मजदूरी भी कम दी जाती है जिसकी देखरेख विभाग की जवाबदारी है किन्तु इन्हीं के संरक्षण से सारा कुछ ही रहा है।