
वनग्राम सिमरधा में मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह का हुआ आगमन
जनपथ टुडे 27 अप्रैल रविवार जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास विभाग मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह आज जिले के विकासखंड समनापुर के ग्राम सिमरधा के दौरे पर पहुँचे। इस अवसर पर गांववासियों के साथ वन अधिकार, जल संकट और अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, शहपुरा विधायक श्री ओमप्रकाश धुर्वे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रूद्रेश परस्ते, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री चमरू सिंह नेताम, जनपद अध्यक्ष समनापुर श्रीमती पार्वती कुशराम, जनपद अध्यक्ष डिंडौरी श्रीमती आशा सिंह, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग श्री गुलशन बामरा, पीसीसी हॉफ श्री असीम श्रीवास्तव, जिला प्रशासन से कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या, सीईओ जिला पंचायत श्री अनिल कुमार राठौर, वनमंडल अधिकारी सामान्य श्री पुनीत सोनकर, वनमंडल अधिकारी उत्पादन श्री हरिओम, एसडीएम डिंडौरी सुश्री भारती मेरावी, सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत मंत्रियों के स्वागत के साथ हुई, जिसमें स्थानीय आदिवासी समुदाय ने पारंपरिक तरीके से मेहमानों का अभिनंदन किया। इसके बाद जनसभा का आयोजन हुआ, जहाँ ग्रामीणों ने अपनी समस्याएँ खुलकर सामने रखीं। ग्रामीणों ने बताया कि आज भी अनेक परिवारों को वनाधिकार पट्टे नहीं मिले हैं, जिससे वे अपनी ज़मीन पर अधिकार से खेती नहीं कर पा रहे हैं।
इसके साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम सिमरधा समेत आसपास के गांवों में पानी की कमी बनी रहती है। गर्मियों में हैंडपंप और कुएं सूख जाते हैं जिससे ग्रामीणों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिसमें मंत्री डॉ. शाह ने पीएचई विभाग को निर्देशित करते हुए कहा 15 दिवस के अन्दर पेयजल की व्यवस्था कराई जाए। इसके अंतर्गत तालाब गहरीकरण, चेक डैम निर्माण और वर्षा जल संचयन पर जोर दिया जाए।
मंत्री के सामने मंगली बाई बैगा जैसे ही एक किलोमीटर दूर से पानी लाने की समस्या सामने रखी तो मंत्री ने पीएचई अधिकारियों के सामने खड़ा कर बोले कि एक महीने के अंदर अधिकारी ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराई जाए।
मंत्री डॉ. कुवंर विजय शाह ने अपने उदबोधन में कहा कि बैगा आदिवासियों को वन अधिकार पट्टे न मिलने के कारण अधिकारियों से नाराजगा जाहिर की । मीडिया से चर्चा के दौरान डॉ. शाह ने कहा कि संबंधित विभागीय अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है ईमानदारी से काम किया होता तो इन लोगों को पट्टा मिल गया होता।
ग्रामीणों के सामने अधिकारियों को फटकारा और कहा कि ईमानदारी से काम करिए ,देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मोहन यादव इन गरीब बैगा आदिवासियों के चेहरे में मुस्कान देखना चाहते है। सिमरधा गांव में समस्याएं थी उनको दूर करने मैं यहां आया हूँ। बैगा आदिवासियों को चार हेक्टेयर का वन अधिकार पट्टा मिलना चाहिए लेकिन उन्हें मात्र दो हेक्टेयर का मिला है। उन्होनें कहा कि आपके द्वारा जितनी भूमि कब्जा या वर्षों से खेती करते आ रहे हैं, उसका पूरा पट्टा दिया जाएगा एक व्यक्ति को अधिकतम 4 हेक्टेयर वनभूमि के पट्टे शासन के नियमानुसार दिए जा सकते हैं। जानकारी के अनुसार सिमरधा गांव में लगभग 72 बैगा आदिवासियों ने वन अधिकार के लिए दावा किया है उसमें से मात्र 35 लोगों को ही पट्टा मिल सके है। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी 15 दिवस के अन्दर मैं अपनी पत्नी के साथ फिर आउंगा और गांव वालों के साथ हम सब मिलकर भोजन करेंगे।
इस दौरान सिमरधा गांव के लोगों के द्वारा पानी की समस्या मंत्री के समक्ष रखी गई। इस पर जनजातीय कार्य मंत्री द्वारा कहा कि मैं जब आउंगा तो पानी की समस्या का हल हो जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए पीएचई विभाग के अधिकारियों के लिए निर्देश दिए। मंत्री डॉ. शाह ने गांव में पानी की व्यवस्था करने के लिए 15 लाख रूपए स्वीकृत करने की घोषणा की।
मंत्री डॉ. शाह ने पैसा एक्ट की जिला स्तरीय समिति के सदस्यों से वन अधिकार पट्टों के विषय में विस्तृत चर्चा की। और सभा में उपस्थित कुंवर सिंह मरावी चैन सिंह मरावी, भादू, हीरा सिंह मरावी, किसानों से वन टू वन चर्चा की और उन्हें नियमानसार वन अधिकार काबिज भूमि का पट्टा दिलाने का आश्वासन दिया।
मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने महिला बाल विकास विभाग द्वारा लगे प्रदर्शनी का स्वादिष्ट कोदो कुटकी एवं बैगा परिवेश का स्वादिष्ट भोजन व पोषण आहार का आनंद उठाया। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय लोक कलाकारों के साथ मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह मांदर बजाकर कलाकारों के साथ झूमें।
कार्यक्रम के अंत में ग्रामीणों ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि यदि ये घोषणाएँ जमीनी स्तर पर लागू होती हैं तो उनका जीवन स्तर निश्चित रूप से सुधरेगा। इससे ग्रामीणों को यह विश्वास भी मिला कि उनकी समस्याएं सुनी जा रही हैं और सरकार उनके हित में गंभीर है।